ज्ञानवापी मामले में जिला अदालत के फैसले में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया है। जिसके बाद आज (1 फरवरी) ज्ञानवापी परिसर में आखिरकार 31 साल बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। साथ ही तहखाने अब रोजाना 5 आरती भी की जाएंगी जो कि सुबह 3.30 बजे मंगला आरती, दोपहर 12 बजे भोग, दोपहर 4 बजे और शाम 7 बजे आरती होगी और आखिरी रात 10.30 बजे शयन आरती की जाएगी।
विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने ब्यास जी के तहखाने में पूजा कराई। पूजा-पाठ का अधिकार काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंपा गया है। वहीं, कोर्ट का आदेश आने के बाद रातोरात तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई थीं। इसके बाद तड़के ही पूजा के लिए लोग जुटने लगे।
पूजा की शुरुआत कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में शुरू हुई है। भारी फोर्स की मौजूदगी में श्रद्धालु व्यास तहखाने की ओर जा रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से पूजा करवाई जा रही।