विंध्याचल पर्वत पर श्री सिद्ध गणेश धाम पर हजारों भक्तों ने किए तिल गणेश जी दर्शन
हर साल तिल बराबर बढ़ती है प्रतिमा
जामवंतजी द्वारा स्थापित हैं सिद्ध श्रीगणेश
कमल याज्ञवल्क्य बरेली रायसेन
मध्यप्रदेश अपनी ऐतिहासिक प्राचीन धरोहरों के लिए विश्व विख्यात है। प्रदेश के रायसेन जिले का भी अपना ऐतिहासिक महत्व है। जिले भर में प्रागैतिहासिक कालीन सभ्यता इसकी विशिष्ट पहचान है। प्राचीन पुरातात्विक धरोहरों से समृद्ध रायसेन जिले की बरेली तहसील मुख्यालय से करीब पन्द्रह किलोमीटर की दूरी पर उदयगिरि गांव के पास विंध्याचल पर्वत पर विघ्न विनाशक भगवान् श्रीगणेश जी का ऐतिहासिक प्राचीन सिद्ध स्थल तिल गणेश जी के नाम से विख्यात है।
सोमवार को यहाँ तिल गणेश चतुर्थी पर बड़ा मेला लगा। इस मेला में आसपास के करीब पचास गांवों के भक्त शामिल हुए और भगवान् श्रीगणेश जी को तिल के लड्डू का भोग लगाया। सोमवार सुबह से ही यहाँ भगवान् गणेशजी के दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगना शुरू हो गया। बताया गया है देर शाम तक करीब पचास हजार भक्तों ने भगवान् श्रीगणेश जी के इस प्राचीन स्वयं सिद्ध स्थान पर माथा टेककर
मंगल मूर्ति से मंगल की कामना की। भगवान् श्रीगणेश जी की कृपा से घनघोर जंगल में भी सोमवार को मंगल जैसा माहौल रहता है।
श्रीगणेश जी को चढ़ाए इक्कीस हजार तिल के लड्डू
सोमवार को तिल चतुर्थी के पावन पर्व पर जामवंत जी द्वारा स्थापित श्री सिद्ध तिल गणेश जी को इक्कीस हजार से अधिक तिल के लड्डू चढ़ाए जाने का अनुमान लगाया गया है। यहाँ आने वाले हर भक्त के हाथ में तिल के लड्डू थे।