असम सरकार का बड़ा फैसला- ‘3 से ज्यादा बच्चे होने पर पर महिलाओं को नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का फायदा’
असम सरकार ग्रामीण महिला उद्यमियों के वित्तीय सहायता योजना में कुछ बदलाव का ऐलान किया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहटी में दी। इस योजना का फायदा लेने वाली ओबीसी श्रेणियों की महिलाओं के तीन से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) की महिलाओं के लिए यह सीमा चार बच्चों तक की है।
महिलाओं को ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमियों के रूप में आगे बढाना मकसद-
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को महिला उद्यमिता अभियान (MMUA) का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला 2021 में उनकी घोषणा के अनुरूप है। वहीं इस MMUA योजना के मानदंडों में ढील दी है। इस योजना का मकसद ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों में शामिल महिलाओं को ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमियों के रूप में आगे बढाना है।
सीएम सरमा ने कहा, “इस योजना को बच्चों की संख्या से जोड़ने का तर्क यह सुनिश्चित करना था कि महिलाएं अपने व्यवसाय स्थापित करने के लिए धन का उपयोग करें। अगर एक महिला के चार बच्चे हैं, तो उसे पैसे खर्च करने का समय कहां मिलेगा, बिजनेस करने का समय कहां मिलेगा? वह बच्चों को पढ़ाई कराने में व्यस्त रहेंगी।”
इन शर्तों को भी करना होगा पूरा-
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभार्थियों को बच्चों की संख्या के अलावा दो अन्य शर्तों को भी पूरा करना होगा। पहली यह है कि यदि उनके घर लड़कियां हैं, तो स्कूल में नामांकन करना होगा और यदि उनकी आयु स्कूल जाने की नहीं है, तो शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा, ताकि समय पर उनका नाम नामांकित करवाया जा सके। और दूसरी ये कि पिछले साल सरकार के वृक्षारोपण अभियान, अमृत बृक्ष आंदोलन के तहत उन्होंने जो पेड़ लगाए थे, उन्हें जीवित रखना होगा।