चैत्र शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा यानी दो अप्रैल को वासंतिक नवरात्र प्रारंभ होगा। इसका 11 अप्रैल को महानवमी के साथ अनुष्ठान पूरा होगा । इस वर्ष भी नवरात्र नौ दिनों का हो रहा है। नवरात्र के पहले दिन दो अप्रैल को हिन्दू नववर्ष (विक्रम संवत् 2079) आरंभ हो रहा है।
वासंतिक नवरात्र को लेकर कलश स्थापना दो अप्रैल को होगी। इस बार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त प्रात: 9.22 बजे तक वैधृति योग से पूर्व में यायिजय योग में करना अत्यंत श्रेयस्कर होगा। वैसे विशेष अभिजीत मुहूर्त सुबह अपराह्न: 12 बजे से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक है, लेकिन सूर्योदय से लेकर पूरे दिन कलश स्थापना किया जा सकता है।
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इस बार नवरात्र शनिवार को प्रारंभ हो रहा है। इस बार सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग बना हुआ है। ये दोनों योग एक अप्रैल को सुबह 10:40 बजे से लेकर दो अप्रैल प्रात: 06 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इससे धन्य व धान की वृद्धि होगी। इस बार शनिवार को मां जगदंबा का आगमन घोड़ा पर हो रहा है, जिसका फल शासन तंत्र पर खतरा है, जो संर्घषकारी है। देवी का आह्वान प्रात: काल में ही किया जाता है और शनिवार को प्रात: कला में ही आगमन है। वहीं गमन भी सोमवार (दशम) को भैसा पर हो रहा है। यह भी शुभ नहीं है।
वासंतिक नवरात्र में सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग, दो को कलश स्थापना 02 अप्रैल को ही हिन्दू वर्ष (विक्रम संवत् 2075) की होगी शुरूआत 10 अप्रैल को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का मनेगा जन्मोत्सव 09 अप्रैल को महा अष्टमी का व्रत श्रद्धालु करेंगे अभिजीत मुहूर्त अपराह्न: 12 बजे से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक