देवेन्द्र तिवारी सांची रायसेन
साँची से गुजरने वाली सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिया गया है तथा इस स्थल से राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण भी किया गया है इस राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर आने जाने के लिए छोटे वाहन सुरक्षित आवाजाही कर सके इसके लिए सर्विस रोड निर्मित किए गए हैं जिससे दुर्घटना को भी रोका जा सके । तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर लोहे की रेलिंग लगाई गई है इस राष्ट्रीय राजमार्ग से कम दूरी अधिक दूरी के छोटे बड़े वाहनों के साथ साथ भारी वाहनों की हजारों की संख्या में आवाजाही लगी रहती है तब इस मार्ग से वाहनों की अंधी रफ्तार से दुर्घटना की आशंकाएं बनी रहती है तथा अनेक बार दुर्घटना घट भी जाती है जिससे लोगों को या तो अपनी जान गंवानी पड़ती है अथवा घायल अवस्था में महीने अस्पताल में उपचार कराने पर मजबूर होना पड़ता है जिससे घायल के पूरे परिवार को मशक्कत झेलना पड़ती है तथा उपचार में अनाप-शनाप खर्च भी हो जाता है जिससे परिवार कर्ज से डूब जाते हैं ।
इस मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने न तो कहीं कोई गतिअवरोधक ही बना सके तथा न ही कहीं कोई वाहनों की रफ्तार नियंत्रित करने संकेत वोर्ड अथवा रेडियम के ही कोई चिन्ह ही अंकित किए गए सबसे अधिक परेशानी तो नगर में चलने वाले सरकारी निजी स्कूलों के छात्रों को उठाना पड़ती है जब काफी देर वाहनों के रुकने का इंतजार करना पड़ता है सबसे ज्यादा व्यस्ततम चौराहा स्तूप चौराहा गुलगांव चौराहा रहते हैं इन चौराहे पर अनेक बार दुर्घटना घट चुकी है बावजूद इसके राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को सुध लेने की फुर्सत नहीं मिल सकी है जिससे नगर सहित यहां आने जाने वाले बड़ी संख्या में ग्रामीणों की दुर्घटना से बचाव किया जा सके ।
मुख्य चौराहे से जनता की आवाजाही तो होती ही है साथ ही बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों को भी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रास करने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है यहां तक कि पर्यटक स्वयं अपने ही हाथों के संकेत से सड़क पार करते दिखाई दे जाते हैं परन्तु वाहनों की तेज़ गति नियंत्रित नहीं हो पा रही है हालांकि अनेक बार तेज रफ्तार के कारण वाहनों को स्वयं दुर्घटना ग्रस्त होते देखा जाता है इस वाहनों की अंधी रफ्तार से राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग तो उदासीन बन बैठा है तो पुलिस भी वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण नहीं लगा पा रही है इसके साथ ही जिला परिवहन विभाग को इस मार्ग पर दौड़ने वाले तेज़ गति वाहनों की चिंता ही हो सकी है वाहनों की अंधी रफ्तार से जहां नगर वासियों में खौफ बढ़ रहा है तो पर्यटकों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ती है ।