अधिकारी आंदोलन खत्म करने धमकाते रहे तो कार्यकर्ता अपनी मांग पर अडिग
आयुक्त महिला एवं बाल विकास के बुलाबे पर आई थी भोपाल
भोपाल। मध्य प्रदेश में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मिनी कार्यकर्ता और सहायिका की अधोलिखित मांगों का निराकरण ना किए जाने से अनिश्चितकालीन आंदोलन चल रहा है।
इसी सिलसिले में आज भोपाल में आंगनवाडी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। जिनसे महिला बाल विकास के अधिकारियो ने चर्चा की साथ ही मांगो को लेकर कहा कि वह आंगनवाडी कार्यकर्ताओ की मांग मीटिंग में रखेंगे।अधिकारियो ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से हड़ताल समाप्त करने को भी कहा।अन्यथा कठोर कार्यवाही करने की बात भी कही। लेकिन आंगनवाडी कार्यकर्ता मांगे माने जाने तक किसी भी तरह झुकने तैयार नही है।
मध्य प्रदेश बुलंद आवाज नारी शक्ति आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संगठन भोपाल की ओर से समय-समय पर अधोलिखित मांगों का ज्ञापन व ध्यानाकर्षण आंदोलन किया गया किंतु इन मांगों का समाधान अभी तक नहीं किया गया है समय रहते संगठन से कार्य कर उनका समाधान ना किया जाने पर 10 मार्च से प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका अनिश्चितकालीन आंदोलन रत है। जिला मुख्यालय धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हुई है।
आंगनवाडी कार्यकर्ताओं मांगे इस प्रकार है
(1) अक्टूबर 2018 से 1500 रुपए बढ़े हुए मानदेय का बकाया एरियस प्रति कार्यकर्ता को लगभग 60 हजार रू व सहायिका को 750 रू के मान से लगभग 30 हजार रू दिया जाए। (2) सभी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की सेवा को नियमित कर राज्य शासन का कर्मचारी घोषित किया जाए, वेतन कार्यकर्ता को 25हजार रू व सहायिका का 20 हजार रू किया जाए (3) रिटायरमेंट पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख रू और सहायिका को 3लाख रू दिया जाए।(4) कोरोना काल की प्रोत्साहन राशि 10000 रू दी जाए।(5) मिनी कार्यकर्ता को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनाया जाए और भविष्य में केवल सहायिका व कार्यकर्ता की भर्ती की जाए|(6) माह की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से मानदेय की जगह पर वेतन दिया जाए व कार्यालय से आई एस आई एस व्यवस्था से वेतन नियमित आहरित किया जाए।(7) वरीयता के आधार पर कार्यकर्ता से सुपरवाइजर सहायिका से कार्यकर्ताओं के पद पर पदोन्नति दी जाए।(8) सभी केंद्रों के लिए सर्व सुविधा युक्त भवन बनाए जाए। (9) अच्छी गुणवत्ता का जब तक मोबाइल व उसके डाटा के लिए पर्याप्त राशि सभी कार्यकर्ता कोनहीं दी जाएगी जब तक किसी प्रकार के विभागीय कार्य मोबाइल से नहीं किया जाएगा। (10) आंगनवाडी कार्यकर्ताओ को महिला बाल विकास के कार्य करते हुए पूरा समय व्यतीत हो
जाता है इसीलिए अन्य विभागों के कार्य न करवाया जाये।(11) मोबाइल पर कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाए मध्य प्रदेश हिंदी भाषी राज्य है इसलिए सभी कार्य हिंदी में लिए जाएं| (12) कार्यकर्ताओं के निजी मोबाइल फोन पर कार्य करने का किसी प्रकार का दबाव किसी स्तर पर नहीं बनाया जाए।
(13) कार्यकर्ताओं की मासिक बैठक माह में एक बार केवल सेक्टर मुख्यालय पर बुलाई जाए। (14) साप्ताहिक पोषण आहार आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचाया जाए।
(15) सभी कर्मचारियों की भांति देय सभी सामान्य व्यक्ति का अवकाश केंद्रों में लागू किए जाएं ।25 दिन का आकस्मिक अवकाश और 3 दिन का ऐच्छिक अवकाश दिया जाए।
(16) बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए बिना कार्य कर कार्यकर्ता सहायिकाओं की सेवा समाप्ति न की जाए। आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की वेक्सिन का कार्य कराया जाता है उसके उपरांत भी विभाग द्वारा केन्द्रों का निरिक्षण कर मानदेय काटा जाता है एवं सेवा समाप्त की जाति है यह कृत्य तुरंत बंद किया जाये।
अपनी मांगों को लेकर आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री जी केन्द्र सरकार नईदिल्ली,महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री जी केन्द्र सरकार नईदिल्ली,राज्यपाल मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश भोपाल, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग राज्य प्रशासनभोपाल,संचालनालय आयुक्त महिला एवं बाल विकास विभाग राज्य प्रशासन भोपाल,को ज्ञापन दिया है।