रिपोर्ट धीरज जॉनसन,दमोह
संत रविदास जी के विचार प्रवर्द्धन हेतु स्थानीय पी जी कॉलेज में जिला स्तरीय प्रतियोगिता प्रभारी प्राचार्य डॉ इंदिरा जैन के दिशा निर्देशन में सम्पन्न हुई जिसके मुख्य अतिथि विवेक शेंडये और विशिष्ट अतिथि डॉ रश्मि जैन, डॉ किरण दुबे ने अपने विचार व्यक्त किए
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ इंदिरा जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि गौरव की बात है कि संत शिरोमणि रविदास के विचार प्रवर्तन पर कार्यक्रम जारी है। राष्ट्र निर्माण के लिए चौदहवीं और पंद्रहवीं शताब्दी में धार्मिक सुधार आंदोलन की शुरुआत हुई, सामाजिक चेतना से स्वतंत्र व्यक्तित्व फिर राजनीतिक चेतना के बाद स्वतंत्र राष्ट्र की भूमिका बनती है। रविदास जी ने पाखंड खत्म किया कर्म को महत्व दिया और निर्गुण भक्ति के साथ यह भी बताया कि हम एक ही नूर की उपज है। संविधान के दर्शन का निर्धारण धार्मिक सुधार आंदोलन से हुआ।
विवेक शेंडेये ने अपने उद्बोधन में बताया कि प्राचीन काल से संत परंपरा प्रभावशाली रही रविदास जी मन से सात्विक और सबको समाहित करने की इच्छा शक्ति रखते थे। जिसमें दुराभाव नहीं होता वह आध्यात्म प्रधान होता है और समाज उसे स्वीकारता है हमारे देश में ज्ञान परंपरा प्राचीन काल से विद्यमान है विश्वगुरु होने के कारण ही आक्रांताओं ने ज्ञान के भंडार को नष्ट किया।
समकालीन विद्वानों ने देशाटन कर समाज को जाग्रत किया,संत का कार्य ही उन्नत बनाना है
रविदास जी ने वाणी और काव्य से समाज को प्रेरणा दी,कुरीतियों पर प्रहार किया,मौलिक प्रभावशाली निरूपण किया।श्रम को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए और दृष्टि में दोष नहीं होना चाहिए। समाज सुधारक भी निर्भीक होकर कहते थे जिससे श्रेष्ठ भारत हो,जीवन मूल्यों को सम्मान से देखें तो समृद्ध और सुसंस्कृत राष्ट्र बनेगा।
इसके बाद चित्रकला, निबन्ध, गायन, भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें भाषण में दुर्गेश नंदिनी विश्वकर्मा (के एन कॉलेज) प्रथम,गौरव राठौर(पी जी कॉलेज)द्वितीय और समेकित जैन (ओजस्विनी कॉलेज) तृतीय स्थान पर रहे। चित्रकला में पूनम प्रजापति (शासकीय कॉलेज हटा)
प्रथम, रागनी पटेल(के एन कॉलेज) द्वितीय और सानिया ताम्रकार (शासकीय कॉलेज, पथरिया) तृतीय स्थान पर रहे। गायन में अनुष्का चौबे (पी जी कॉलेज)प्रथम,रागनी पटेल(के एन कॉलेज)
द्वितीय और खुशी मोदी (विजय लाल कॉलेज) तृतीय स्थान पर रहे।
और निबंध में मनु त्रिलोकी नाथ (पी जी कॉलेज)प्रथम, श्रेया पांडे(हटा) द्वितीय, शगुफ्ता बानो (ओजस्विनी) तृतीय स्थान पर रहे जिन्हें पुरुस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ के के दुबे ने किया। इस अवसर पर कॉलेज स्टाफ और छात्र उपस्थित रहे।