वास्तु शास्त्र में घर के साथ-साथ किचन से जुड़े भी कई नियम बताए गए हैं। अन्न को देवता के समान ही पूजनीय माना गया है। किचन से जुड़े कुछ नियमों का पालन कर लिया जाए तो देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। साथ ही घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। धर्म शास्त्रों में अन्न का आदर करने के लिए कहा जाता है। जिस भी घर में नियमों को ध्यान में रखते हुए भोजन पकाया और खाया जाता है। वहां दोगुनी तरक्की होती है। साथ ही अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं। आइए जानते हैं कि भोजन पकाते और खाते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए।
– भोजन बनाते समय व्यक्ति को अपना मन पवित्र रखना चाहिए। नकारात्मकता और गंदगी से बनाया गया भोजन कभी स्वादिष्ट नहीं बनता है। ऐसे भोजन को ग्रहण करने से व्यक्ति बीमारियों का शिकार होता है। उसके मन और सोच पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
– भोजन करने से पहले अन्न देवता का आभार प्रकट करें। इसके लिए हिंदू धर्म में भोजन मंत्र भी बताया गया है। भोजन करने से पहले भोजन मंत्र का पाठ करना चाहिए।
– भोजन को हमेशा शुद्ध और स्वच्छ जगह पर ही बनाना चाहिए। अशुद्ध जगह पर बनाए गए भोजन का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
– भोजन करते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ही भोजन करना चाहिए। इसके अलावा करियर में उन्नति के लिए या फिर धन प्राप्ति के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भी भोजन कर सकते हैं।
– हिंदू धर्म में अन्नदान का बहुत महत्व है। घर में बरकत बनी रहे और धन-धान्य भरा रहे, इसके लिए समय-समय पर अन्नदान जरूर करें।
– भोजन करने के लिए दाएं हाथ का ही उपयोग करना चाहिए। बाएं हाथ से भोजन करना दोषपूर्ण माना जाता है। कभी भी थाली में अन्न नहीं छोड़ें, ना ही कभी अन्न का अपमान करें।
– कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन न करें। ऐसा करने से उम्र कम होती है और कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। भोजन करते समय हमेशा मन को शांत रखें। भोजन के समय लड़ाई-झगड़ा न करें।
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