शासन प्रशासन का नहीं रहा अंकुश
देवेन्द्र तिवारी सांची रायसेन
वैसे तो माना जाता है कि हमारा देश कृषि प्रधान देश कहा जाता है तथा कृषि पर आधारित देशवासियों को अन्न मिलता है परन्तु धीरे-धीरे कालोनाइजरों ने अपने पांव पसार लिए हैं तथा कृषि भूमि को मिटाने तुल गए हैं । किसानों से मंहगे दामों पर कृषि भूमि खरीदी कर आवासीय भूमि बनाने की कवायद तेज हो चुकी है । शासन प्रशासन मौन बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार कहने को तो हमारा देश कृषि प्रधान कहलाता है परन्तु अब इस कृषि भूमि पर ही कालोनाइजरों ने अपने पैसे की भूख मिटाने कृषि भूमियों को ठिकाने लगाने की कवायद शुरू कर दी तथा जगह जगह कृषि भूमियों पर कालोनाइजरों ने कब्जा जमा लिया तथा इस भूमि पर आवासीय भूमि को नाम पर लाखों करोड़ों में खेलने का खेल शुरू कर दिया है ऐसा नहीं है कि इस खेल में प्रशासन में बैठे लोग शामिल न हो कहने को तो यह स्थल एक विश्व विख्यात पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है परन्तु इस स्थल पर नगरीय क्षेत्रांतर्गत ही कृषि भूमियों को मनमाने दाम पर प्लाट के रूप में अनाप-शनाप कमाई चल रही है किसानों को मीठे मीठे प्रलोभन देकर कालोनाइजर अपने जाल में फंसाकर मनमाने दाम पर कृषि भूमि खरीदी कर उसे आवासीय भूमि में बदलने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है तथा कालोनी के नाम पर अनाप-शनाप प्लाटो के रूप में कमाई कर तथा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वायदा करने में भी पीछे नहीं दिखाई देते तथा लोगों से अनाप-शनाप राशि वसूल कर कालोनियों में न तो सड़क न ही बिजली न ही पानी सहित अन्य व्यवस्थाएं जुटा पाते हैं हद तो तब हो जाती है यह कालोनाइजरों को डायवर्सन की जरूरत होती है न ही किसी शासन प्रशासन की अनुमति लेना ही जरूरी समझा जाता है जिससे कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलने राजस्व की वसूली को भी ठेंगा दिखा देते हैं तब शासन को लाखों रुपए का नुक़सान पहुंचता है । हालांकि पिछले कुछ सालों में प्रशासन ने अवैध कालोनाइजरों पर लगाम लगाने क़दम उठाए थे तथा कुछ कालोनाइजरों के विरुद्ध पुलिस में प्रकरण में दर्ज कराये गये थे बावजूद इसके पुलिस कार्रवाई से भी बेफिक्र होकर इन दिनों क्षेत्र में कालोनाइजरों अपने काम को अंजाम देने जुटे हुए हैं तथा शासन प्रशासन के तमाम नियम कायदों को ताक पर रख कर कृषि भूमि को तहस-नहस करने में पीछे नहीं दिखाई देते हैं इसमें ऐसा भी नहीं है कि प्रशासन में बैठे लोग कालोनाइजरों की इस करतूत से अंजान हो कहीं न कहीं इन कालोनाइजरों के साथ सम्बन्धित भी कार्यवाही न करने को लेकर संदेह के घेरे में घिरे हुए हैं तथा धड़ल्ले से कालोनाइजरों ने अपने काम को अंजाम देने तय कर लिया है ।इनका कहना है
हमारे संज्ञान में अवैध कालोनी का मामला सामने आया था हमने पूर्व में ही अपना प्रतिवेदन एसडीएम न्यायालय में भेज दिया है । इस मामले में हम जो भी नियमानुसार कार्रवाई होगी करेंगे ।श्रीमति नियति साहू अतिरिक्त तहसीलदार सांची