बड़वानी। पितृ दिवस पर कलयुग के एक श्रवणकुमार ने अपने माता-पिता की याद में बनवाए मंदिर में पूजा शुरू की। यह मंदिर जिले के राजपुर विकासखंड के ग्राम सांघवी ठान में बनाया गया है। सेवानिवृत्त सरकारी शिक्षक लक्ष्मीचंद भालसे ने अपने स्व. माता-पिता की याद में इसे बनाया है। पितृ दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार से इसमें पूजन शुरू किया गया। इसे लेकर क्षेत्र में चर्चाएं हो रही हैं।
शिक्षक भालसे ने बताया कि बचपन में जब वे पढ़ाई कर रहे थे तो उनके माता-पिता ने बहुत संघर्ष किया और कड़ी मेहनत से पैसे कमाकर पढ़ाई कराई। जब वे शिक्षक बने तो विविध स्थानों पर पदस्थापना के चलते वे अपने माता-पिता से दूर रहे। इस दौरान वे माता-पिता से अधिक जीवंत संपर्क नहीं होने से वे उनकी सेवा नहीं कर पाए।
इस दौरान उनका निधन हो गया। इससे भालसे को आघात पहुंचा और अफसोस रहा कि वे माता-पिता की सेवा नहीं कर पाए। ना ही उनका ध्यान रख सके।
इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया कि सेवानिवृत्ति के बाद माता-पिता का मंदिर बनाकर उसमें जीवनभर माता-पिता की तस्वीर रखकर उसकी पूजा व सेवा करेंगे।
करीब आठ लाख रुपये की लागत से बने इस मंदिर में पूजन की शुरुआत सोमवार से की गई। मंदिर में दीपक जलाकर प्रार्थना की। वहीं मंदिर में कीर्तन भी किया गया।
शिक्षक भालसे के अनुसार नई पीढ़ी को इस मंदिर से अपने माता-पिता के प्रति सेवा करने की भावना और श्रद्धा जाग्रत होगी। उन्हें इससे प्रेरणा मिलेगी ताकि वे अपने माता पिता की सेवा कर उनका पूरा ध्यान रख सके।
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