हिंदू धर्म में होलिका दहन को छोटी होली या होलिका दीपक के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को रंगोत्सव मनाते हैं। भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिये उत्तम मानी जाती है। अगर भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा का अभाव हो, तो भद्रा मध्य रात्रि से पहले ही समाप्त हो जाए तब होलिका दहन करना चाहिए। अगर भद्रा मध्य रात्रि तक व्याप्त हो तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है।
सूर्य व चंद्रमा की स्थिति
होलिका दहन के दिन चंद्रमा सिंह व सूर्य मीन राशि पर संचरण करेंगे। इस दिन सूर्य नक्षत्र पूर्व भाद्रपद और सूर्य नक्षत्र पद पूर्व भाद्रपद रहेगा।
होलिका दहन के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:53 सुबह से 05:41
प्रातः सन्ध्या- 05:17 सुबह से 06:29
अभिजित मुहूर्त- 12:06 दोपहर से 12:54 दोपहर
विजय मुहूर्त- 02:30दोपहर से 03:18 दोपहर
गोधूलि मुहूर्त- 06:18 शाम से 06:42 शाम तक।
सायाह्न सन्ध्या- 06:30 शाम से 07:42 रात्रि।
अमृत काल- 06:07 शाम से 07:43 रात्रि।
निशिता मुहूर्त- 12:05 सुबह, मार्च 18 से 12:53 सुबह मार्च 18।
होलिका दहन 2022 मुहूर्त – 09:06 पी एम से 10:16 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 10 मिनट्स