आचार्य चाणक्य द्वारा लिखे गए नीति शास्त्र की बातें आज के समय में भी मनुष्य को सही राह दिखाने का कार्य करती हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार एक सुखद घर और परिवार मनुष्य के अच्छे भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में बताया है कि कैसे घर में हमेशा सुख का वास होता है।
जिसकी संतान आज्ञाकारी और बुद्धिमान हो
आचार्य चाणक्य के अनुसार उस व्यक्ति का घर में सदैव सुख का वास होता है, जिसके पुत्र-पुत्री आज्ञाकारी और बुद्धिमान होते हैं। एक आज्ञाकारी संतान न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे कुल का मान बढ़ाती है। संस्कारी, आज्ञाकारी और बुद्धिमान संतान सौभाग्य से प्राप्त होती है।
मृदुभीषिणी और सद्गुणी पत्नी
जिस व्यक्ति की पत्नी मधुर बोलने वाली अपने पति से प्रेम करने वाली होती हो, जो वेदों का ज्ञान रखती हो और शिष्ट आचरण करती हो। ऐसे व्यक्ति के घर में हमेशा सुख का वास होता है, जिसकी पत्नी सद्गुणी होती है, ऐसे पुरूष विषम परिस्थितियों का सामना भी धैर्य के साथ कर लेते हैं और संतुष्ट जीवन व्यतीत करते हैं।
जिस घर में होता है अतिथियों का मान-सम्मान
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस घर में अतिथियों का आदर सत्कार होता है। ऐसे घर पर ईश्वर की कृपा रहती है और सभी सुखों का वास होता है। जहां पर अतिथि का सम्मान किया जाता है उस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और व्यक्ति एक सुखी जीवन व्यतीत करता है।