महान प्राचीन ग्रंथ अर्थशास्त्र के रचयिता आचार्य चाणक्य यानी कौटिल्य की बुद्धि का लोहा हर कोई मानता है। प्राचीन काल में चाणक्य ने देश काल और परिस्थिति को देखते हुए कई बातें लिखी हैं। उन बातों कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें लोग आज भी मानते हैं। ऐसी खास बातों में से चाणक्य ने यह भी बताया है कि सुबह किस प्रकार से दिनचर्या की शुरुआत करें जिससे कि पूरा दिन अच्छा गुजरे। उन्होंने तीन बातों का जिक्र किया है जिन्हें व्यक्ति को बेड छोड़ने के साथ ही नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इन तीन कार्यों के साथ दिन की शुरुआत करना अच्छा नहीं रहता।
जानते हैं कौन सी हैं वो बातें
1- सुबह उठते ही न देखें दर्पण-बहुत से लोगों के बेडरूप में शीशा लगा होता है और वे उठते ही सबसे पहले उस शीशे पर अपना चेहरा देखते हैं। चाणक्य के अनुसार, ऐसा करना एक बुरी आदत होती है। ऐसा करने से मन में नकारात्मक भाव आते हैं और पूरे दिन नकारात्मकता के विचार उसका पीछा नहीं छोड़ते। माना जाता है कि सोकर उठते ही आपका चेहरा आपको अच्छा नहीं लगेगा या इससे देखने से मन में नकरात्मक ऊजा आएगी।
2- दूसरों का चेहरा न देंखें- सुबह उठते ही न करने वाले कामों में दूसरों का चेहरा न देखना भी शामिल है। चाणक्य के अनुसार भगवान को ध्यान करते हुए जो व्यक्ति बिस्तर छोड़ता है उसका पूरा दिन अच्छ गुजरता है। सुबह-सुबह किसी पुरुष या महिला का चेहरा नहीं देखना चाहिए।
3- जानवरों लड़ाई-आजकल लोग वाट्एस या सोशल मीडिया या टीवी पर जानवरों की लड़ाई या देखते रहते हैं। लेकिन आचार्य चाणक्य की मानें तो यदि सुबह -सुबह दो जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली आदि की लड़ाई दिखती है तो यह अशुभ है। माना जाता है कि ऐसा दिखने से दिन संकटमय हो सकता है। इसके लिए सुबह की शुरुआत अच्छी और सकारात्मक बातों से करनी चाहिए। शायद यही कारण है बहुत से लोग सुबह पूजा-इबादत करते हैं या भजन सुनते हैं।