पार्किंग के लिए जगह का हो चुनाव, तभी मिलेगी यातायात से निजात
दुकानों के सामने सड़क पर भी किया है अतिक्रमण जिससे लगता है जाम
देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
अव्यवस्थित यातायात के चलते नगरवासियो को प्रत्येक दिन अनेको समस्याओं से जूझना पड़ रहा है नागरिक जान हथेली पर रख कर निकलते है, बेतरतीब यातायात को पटरी पर लाने के लिए प्रशासन के अधिकारी बेपरवाह बने हुए है।
नगर के चौक चौराहे यातायात की दृष्टि से खासे संवेदनशील है, यातायात को लेकर शहर में बहुत अधिक परेशानी हैं पार्किंग होना तो दूर की बात है, अभी तक तो प्रशासन द्वारा पार्किंग के लिए स्थान का चयन ही नही किया गया है। देखा जाए तो यातायात के मामले में नगर की स्थिति जरुरत से ज्यादा बेकार है। चाहे चौक चौराहो पर पार्किंग की बात हो अथवा नगर के अंदर के चौराहो व तिराहो की, सब कुछ अस्त व्यस्त है। चौराहो, तिराहो से वाहनो को गुजरना मुश्किल भरा होता है। जिम्मेदार भी अव्यवस्थित यातायात की समस्या को गंभीर मानते है। लेकिन समस्या के निराकरण किए जाने की बात अधिकारी या जनप्रतिनिधि कोई भी नही करता है।
बजरंग चौराहा- यातायात की दृष्टि से नगर का गांधी चौक व बजरंग चौराहा अति संवेदनशील है, इन दोनों ही चौराहो पर से दिन भर में दो पहिया, चार पहिया वाहनो के साथ यात्री बसे, डंपर, ट्राला आदि भारी बाहन सैंकड़ो की संख्या में गुजरते है। यह दोनों ही चौराहे यातायात को लेकर खासे संवेदनशील माने जाते है। यहां पर यातायात पूरी तरह बेतरतीव बना हुआ है। दोनों ही चौराहों पर जगह की कमी होने व चारो और अतिक्रमण होने से आमने सामने के वाहन, चालको को दिखाई नही देते है जिस कारण दुर्घटना का अंदेषा बना रहता है। परंतु प्रशासन यातायात पार्किंग को लेकर लापरवाह बना हुआ है
वाहनो का जमावड़ा-
नगर में वाहनो के लिए कहीं भी नियत स्थान नही होने से वाहन सडक़ो पर ही पार्क किए जाते है, जिससे सैंकड़ो वाहन सडक़ के बड़ा हिस्से को अपने कजे में ले लेते है। कहीं कहीं तो वाहनो के जमावड़े से ऐसे हालात बन जाते है कि पैदल राहगीरो को निकलने भी मशक्कत करना पड़ती है। बाजारों में सडक़ के दोनो और खड़े वाहन सडक़ को संकरा बना रहे है। बड़ी समस्या होने के वावजूद भी पार्किंग के लिए रूथान का चयन नही किया जा सका है।