बिलासपुर। ईश्वर को धन्यवाद व्यक्त करने से सच्चे सुख की होती है अनुभूति मन को मिलने वाली खुशी एक ऐसा आंतरिक एहसास है जिसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। हमें जो कुछ मिला है उसकी तुलना दूसरों से या किसी दूसरी चीज से कभी नहीं करनी चाहिए। उसकी यदि तुलना हम दूसरों से करते हैं तो कमी का एहसास होता है। यह प्रकृति का नियम है कि संपूर्ण कोई भी नहीं है। यदि हम देखें कि हमको जीवन में इतना जो कुछ मिला है। यदि ना मिला होता तो हमारी क्या हालत होती। अभाव के दौर के बाद मिलने वाली चीजों का महत्व ज्यादा होता है। प्राप्त चीजों के महत्व को हमें समझना होगा। इसका मोल और मूल्य अथाह है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में राउरकेला ओडिसा से पधारे नशा मुक्ति विशेषज्ञ बीके राजीव भाई ने ब्रह्माकुमारीज द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान के दूसरे दिन यह बातें कही। नशा मुक्ति विशेषज्ञ बीके राजीव भाई ने आगे कहा कि हमें जो मिला है उसका दिल से ईश्वर को धन्यवाद अथवा आभार व्यक्त करने से सच्ची खुशी की अनुभूति होगी। उसकी यथार्थ उपयोगिता अर्थात श्रेष्ठ कर्मों द्वारा हमारा भविष्य भी उज्जवल बनेगा। यही जीवन उच्च उपलब्धियों के शिखर तक अवश्य पहुंचेगा। मोर्डन एजुकेशन अकादमी तथा सेंट जेवियर्स स्कूल के 2 सेशन में सभी विद्यार्थियों को प्रोजेक्टर शो दिखाते हुए सुन्दर और रचनात्मक एवं रुचिदायक क्रीड़ाओं के माध्यम से स्वप्रेरणा का प्रशिक्षण देकर आत्मा की आंतरिक खूबियों से रूबरू कराया गया। जिसका सभी ने आनन्द लेते हुए अपनी दिनचर्या में शामिल करने का दृढ़ संकल्प लिया तथा अपने जीवन को नशीले पदार्थों एवं मोबाइल गेम्स और गंदी फिल्मों से बचाने की शपथ ली। अंत में सभी को सहज राजयोग का अभ्यास कराते हुए नि:शुल्क मेडिटेशन सीखने के लिए राजयोग भवन पधारने की सलाह दी गई। अपने-अपने घरों में अभिभावकों को भी इन बुराइयों से बचाने के अनेक कारगर उपाए बताये गए। शिक्षकों ने ब्रह्माकुमारीज़ का समाज गठन करने हेतु इस कदम को अग्रिम बताते हुए आगे भी जारी रखने का निवेदन किया।
स्कूली बच्चों के बीच चला अभियान
कार्यक्रम में मोर्डन एजुकेशन अकादमी तथा सेंट जेवियर्स स्कूल के 500 से अधिक बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव से अवगत करा कर बीके संतोषी दीदी ने भविष्य में नशा न करने का संकल्प कराया।
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