इंदौर। इसी साल जनवरी में आयोजित हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में देश-दुनिया ने इंदौर के अतिथि सत्कार को प्रत्यक्ष देख लिया है। दुनियाभर के बड़े राजनेता, बड़े उद्योगपति, कारपोरेट वर्ल्ड से जुड़े लोग और सैकड़ों वीआइपी इंदौर आकर चले भी गए और यह सब बहुत ही आराम से संपन्न हो गया। न केवल यहां के होटलों में ठहरने की बात बल्कि राजवाड़ा, छप्पन, सराफा और अन्य जगह की तफरीह करके भी इन हस्तियों ने शहर के अतिथि सत्कार की सराहना की। इंदौर के इसी अतिथि सत्कार ने यहां की होटल इंडस्ट्री को करोड़ों का कारोबार दे दिया। स्वच्छता के मामले में दुनियाभर में इंदौर की ब्रांडिंग, उज्जैन में महाकाल महालोक की स्थापना और ओंकारेश्वर जैसे धार्मिक पर्यटन ने भी इंदौर की होटल इंडस्ट्री को पंख लगा दिए हैं।
इंदौर के नए दौर को देखने दूसरे प्रदेशों से पर्यटक आ रहे हैं। शहर की लोकप्रियता अब देश और विदेशों में भी बढ़ रही है। शहर के आसपास दो ज्योतिर्लिंग हैं, जिनके दर्शन करने के लिए हजारों-लाखों पर्यटक हर वर्ष आते हैं।इनमें से ज्यादातर लोग रात इंदौर में ठहरना पसंद करते हैं। यहां की स्वच्छता और स्वाद भी पर्यटकों को खींच रहा है। धार्मिक दर्शन के बाद इंदौर के छप्पन और सराफा चाट चौपाटी का चक्कर लगाना पर्यटक नहीं भूलते। इसके बाद उन्हें शहर में अव्वल दर्जे की मेहमाननवाजी भी दी जा रही है। यहां हर किसी की जेब के हिसाब से होटल मौजूद हैं, जहां भोजन के साथ मालवी-निमाड़ी अंदाज में स्वागत भी किया जाता है। इन सब वजहों से इंदौर के होटल उद्योग में 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। यहां गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान से सबसे अधिक पर्यटक आते हैं।
शहर में तेजी से बढ़ रहा होटल उद्योग
शहर के होटल उद्योग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इंदौर में छोटे-बड़े होटलों की संख्या तीन सौ से अधिक है। यहां सात फाइवस्टार होटल और चार फोरस्टार रेटिंग वाले होटल हैं। जबकि 30 थ्री स्टार रेटिंग और करीब 260 अन्य होटल हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई होटलों ने अपने यहां कमरों की संख्या बढ़ा दी है। पिछले पांच वर्षों में यहां करीब चार हजार नए कमरे तैयार किए गए हैं। अगले पांच साल में चार हजार अतिरिक्त कमरे बनाने की योजना है। दरअसल कोरोनाकाल के बाद से इंदौर की तरफ लोगों का रुख तेजी से बढ़ा है। ऐसे में उन्हें स्टार लेवल की सुविधाएं देने के लिए होटलों में व्यवस्था की गई है।
दो साल में आएंगे नए होटल
इंदौर में दिन-ब-दिन पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन और जी-20 देशों की बैठक के बाद से इंदौर की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। इस कारण यहां के स्वाद को चखने के लिए पर्यटक शहर में आ रहे हैं। इस कारण शहर में होटल्स की डिमांड भी बढ़ गई है। इसे देखते हुए आने वाले दो वर्षों में शहर में करीब चार फाइवस्टार रेटिंग वाले होटल आने को तैयार हैं। इनमें ताज, नोवोटेल, हयात और रमाडा जैसे बड़े होटल शामिल हैं। इसके बाद से शहर में करीब चार हजार कमरों की संख्या भी बढ़ जाएगी।
मेडिकल-एजुकेशन हब और धार्मिक पर्यटन से उछाल
इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी है और यहां दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों की अपेक्षा स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं कम दाम पर उपलब्ध होने के कारण बड़ी संख्या में लोग इलाज करवाने इंदौर आ रहे हैं। इसी तरह यह एजुकेशन हब भी है। एजुकेशन टूरिज्म के लिए भी काफी संख्या में लोग आ रहे हैं। शहर में 10 विश्वविद्यालयों के अलावा आइआइटी और आइआइएम भी हैं, जहां देशभर से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। इससे करीब 15 प्रतिशत तक टूरिज्म में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं सबसे अधिक धार्मिक पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। करीब 30 प्रतिशत तक पिछले पांच सालों में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
होटल्स में परोसा जा रहा विभिन्न देशों का फूड
शहर में होटल्स और हास्पिटेलिटी की सुगम व्यवस्था देखकर लोगों का आकर्षण इंदौर की तरफ बढ़ रहा है। यहां करीब 7 फाइव स्टार रेटिंग के होटल्स हैं। इस कारण सभी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में रहते हैं। इसका फायदा शहर में आने वाले पर्यटकों को भी मिल रहा है। सभी दूसरे होटल्स से अच्छी सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। इस कारण यहां हास्पिटेलिटी के मामले में बेहतर से भी बेहतर सुविधाएं पर्यटकों को दी जा रही हैं। साथ ही खाने के मामले में होटल्स सीमित नहीं रहे हैं। अब यहां ट्रेडिशनल फूड के अलावा देश, विदेश के अन्य शहरों का खाना भी परोसा जा रहा है। यहां कस्टमर्स की डिमांड पर दुनिया के किसी भी कोने का खाना हाजिर किया जा रहा है।
पर्यटकों की संख्या बढ़ी
कोरोनाकाल बीतने के बाद से इंदौर में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। इससे शहर के होटल उद्योग को भी काफी फायदा पहुंच रहा है। इसी के चलते शहर में जल्द ही नए फाइवस्टार रेटिंग वाले होटल बनाए जाएंगे। इसमें ताज, नोवोटेल और रमाडा जैसे होटल प्रबंधनों ने इंदौर में होटल शुरू करने में रुचि दिखाई है। इंदौर में होटल उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
– सुमित सूरी, चेयरमैन, मप्र होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन
इंडस्ट्रियल हब से मिली संजीवनी
इंदौर में करीब 80 प्रतिशत पर्यटक शहर के आसपास इंडस्ट्रियल हब होने के कारण आते हैं। आए दिन इंडस्ट्रीज में बाहर से विशेषज्ञ, ग्राहक व इंस्पेक्शन करने के लिए दिल्ली, भोपाल, मुंबई व अन्य जगह से लोग आते रहते हैं। चूंकि इंदौर में ठहरने के लिए उत्तम व्यवस्था है इस कारण लोग यहीं रुकते हैं। इसका सीधा लाभ होटल इंडस्ट्री को मिलता है। शहर के करीब पीथमपुर, पालदा, सांवेर रोड और पोलोग्राउंड जैसे स्थल औद्योगिक क्षेत्र में शामिल हैं। यहां सैकड़ों लोग आते रहते हैं। इसका कारण इंदौर की होटल इंडस्ट्री में बूम है।
डा. गौतम कोठारी, अध्यक्ष, पीथमपुर औद्योगिक संगठन
तेजी से बढ़ रहा इंदौर में टूरिज्म
शहर में कोविड के बाद से स्थानीय पर्यटन 3 से 5 प्रतिशत तक बढ़ गया है। साथ ही होटल्स में 60 से 70 प्रतिशत कमरे बुक रहने लगे हैं। यही नहीं कमरों के दाम में भी 7 से 10 प्रतिशत तक बढ़त हुई है। शहर के 5 स्टार रेटिंग वाले होटल्स में करीब 800 कमरे हैं। यहां टूरिज्म बढ़ने का मुख्य कारण रोड और एयर कनेक्टिविटी में सुधार, उद्योग के क्षेत्र में हो रही बढ़त व आसपास के पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार प्रमुख हैं। साथ ही प्रवासी भारतीय सम्मेलन और जी-20 देशों की बैठक से भी काफी असर पड़ा है। साथ ही उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद से इंदौर में आगुंतकों की संख्या बढ़ी है।
– देवजीत बैनर्जी, जनरल मैनेजर, होटल द पार्क
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.