पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग में 4 जवानों की मौत हो गई है। इस मामले में अभी तक किसी आतंकी हमले की पुष्टि नहीं हुई है। सामरिक दृष्टि से देखा जाए तो बठिंडा मिलिट्री स्टेशन भारत के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह सैन्य साजो सामान की सप्लाई का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहीं कारण है कि बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पाकिस्तान सेना की आंखों में भी किरकिरी बना हुआ है। यहां जानें आखिर किन कारणों से बठिंडा मिलिट्री स्टेशन भारत के लिए सुरक्षा पहलुओं से बेहद खास है –
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन की जगह बेहद खास
सामरिक दृष्टि से देखा जाए तो बठिंडा मिलिट्री स्टेशन की जगह भारत के लिए बेहद खास हैं क्योंकि यह स्टेशन रणनीतिक रूप से पाकिस्तान के साथ सीमा के पास स्थित है, जो भारत की पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक आवश्यक सैन्य प्रतिष्ठान बनाता है। युद्ध की स्थिति में यहां पाक सीमा पर लॉजिस्टिक सप्लाई आसानी से की जा सकती है।
कई सैन्य इकाइयों का केंद्र है बठिंडा मिलिट्री स्टेशन
बठिंडा सैन्य स्टेशन में कई महत्वपूर्ण सैन्य इकाइयों का मुख्यालय है। यहां एक्स कॉर्प्स का हेड क्वार्टर भी है, जो भारतीय सेना की एक कोर है । एक्स कॉर्प्स दक्षिण पश्चिमी कमान का एक हिस्सा है, जिसकी स्थापना 1 जुलाई 1979 को लेफ्टिनेंट जनरल ML तुली ने बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में की गई थी।
जवानों को प्रशिक्षण की उच्च सुविधाएं
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में सैन्य प्रशिक्षण की उच्च सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें फायरिंग रेंज, सिमुलेशन सेंटर आदि शामिल है। इन सुविधाओं का उपयोग सैनिकों को आधुनिक युद्ध के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षित करने और उनके युद्ध कौशल को सुधारने में मदद करने के लिए किया जाता है।
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन का एक समृद्ध ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इसे 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना इसे स्थापित किया गया था। बठिंडा मिलिट्री स्टेशन ने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी कई सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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