ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी शनि की दशा जरूर आती है। कहा जाता है कि शनि कर्मों के अनुसार जातकों को फल देते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल का दाता माना जाता है। छाया पुत्र शनि देव के प्रभाव से व्यक्ति रंक से राजा और राजा से रंक बन जाता है। यदि कुंडली में शनि मजबूत हो तो व्यक्ति जीवन में खूब सफलता हासिल करता है। वहीं अगर शनि कमजोर हो तो व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं आती है। यदि आपकी कुंडली में शनि का प्रभाव बना हुआ है, तो शनि जयंती पर आपको इन मंत्रों के साथ ये उपाय करना चाहिए।
शनि जयंती को किए जाने वाले उपाय
1. करियर और व्यापार में सफलता और उन्नति प्राप्त करने के लिए शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के नौ दीप प्रज्वलित करें।
2. संतान सुख के लिए शनि जयंती की शाम को किसी भी शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को जल चढ़ाएं और पीपल के पेड़ की जड़ में काला तिल माला जल अर्पित करें। इस दौरान शनि के मंत्रों का लगातार जाप करें। इस उपाय से जीवन में संतान सुख प्राप्ति होगी।
3. कुंडली से शनि दोष को खत्म करने के लिए गंगा स्नान और दान करना चाहिए।
4.शनि जयंती के दिन अपने हाथ के नाम का 19 हाथ लंबा काला धागा बांधकर माला बना लें फिर इसे अपने गले में पहनें। ऐसा करने से शनि की अनिष्टता शांत होती है।
5.शनि जयंती के दिन कांसे की कटोरी में तिल का तेल भरें। उसके बाद उसमें अपना प्रतिबिंब देखकर तेल का दान करें।
6.शनि जयंती के दिन शनि स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस उपाय से आपको सभी शुभ कार्यों में सफलता प्राप्ति होगी।
शनि जयंती पर इन मंत्रों का करें जाप
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
ॐशन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
ॐ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
ॐ शान्ताय नमः
ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः
ॐ शरण्याम नमः
ॐ वरेण्याम नमः
ॐ सर्वेशाय नमः
ॐ सौम्याय नमः
ॐ सुरवन्द्याय नमः
डिसक्लेमर
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