सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपना स्टैंड साफ करते हुए कहा कि अगर बिजली सब्सिडी समाप्त करने की यह साजिश है तो हमारी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी।
दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी के बीच एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है।दिल्ली के वरिष्ठतम नौकरशाह ने एक रिपोर्ट के जरिए बताया कि डीईआरसी के निर्देशों का पालन न होने से सरकार को 300 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। सरकार इस मसले पर ध्यान दे तो नुकसान से बचा जा सकता है। इस रिपोर्ट को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को जल्द स्पष्टीकरण देने को कहा है। एलजी वीके सक्सेना की इस पहल को सरकार और राजनिवास के बीच पहले से जारी तनातनी को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने एलजी के ताजा रुख पर पलटवार किया है। पहले दिल्ली के बिजली मंत्री आतिशी ने विधानसभा में इस मसले को उठाया और शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटकर साफ कर दिया कि अगर ये बिजली सब्सिडी को खत्म करने की साजिश है तो हम ऐसा नहीं होने देंगे। दिल्ली सरकार के दो प्रमुख नेताओं के बयान के बाद बीजेपी ने भी केजरीवाल सरकार पर हमला बोल दिया है।
दरअसल, दिल्ली के मुख्य सचिव ने सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय सक्सेना हाल ही में एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि ऊर्जा विभाग निजी बिजली कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी पर डीईआरसी की सलाह का पालन नहीं कर रहा है। अगर डीईआरसी के निर्देश का पालन किया जाता तो दिल्ली सरकार के 300 करोड़ रुपए बचेंगे। तत्कालीन उर्जा मंत्री मनीष सिसोदिया ने डीईआरसी के निर्देशों का पालन नहीं करने का फैसला किया और निजी कंपनियों को अतिरिक्त 300 करोड़ रुपए का भुगतान करना जारी रखा।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए एलजी वीके सक्सेना ने अपने नोट में उनसे डीईआरसी के गाइडलाइन के सुझावों का जिक्र करते हुए कहा कि इस गंभीर मसले को वो सीएम अरविंद केजरीवाल के संज्ञान में लाएं। एलजी की ये नोटिंग दिल्ली सरकार को अच्छी नहीं लगी। यही वजह है कि बिजली सब्सिडी समाप्त होने को लेकर चर्चा चरम पर है। एक दिन पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपना स्टैंड साफ करते हुए कहा कि अगर बिजली सब्सिडी समाप्त करने की यह साजिश है तो हमारी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी।
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