पंजाब के अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रा ने गुरुवार रात अपने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। परिवार की शिकायत पर वल्ला पुलिस ने डॉक्टर प्रतिभा समेत 10 के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया है। वहीं परिवार ने आरोप लगाया है कि आरोपी उनकी बेटी को धमकाते थे कि वह भविष्य में उसे कभी डॉक्टर नहीं बनने देंगे। एसआई जसबीर सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मृतक छात्रा की मां कमलेश रानी ने पुलिस को बताया कि उसके पति की मौत हो चुकी है। किसी तरह अपनी इकलौती बेटी को डॉक्टरी करवा रही थी। बेटी पंपोशा ने कड़ी मेहनत कर एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और इसी कॉलेज में वह अपनी इंटर्नशिप कर रही थी। बेटी ने कुछ दिन पहले उन्हें बताया था कि उक्त आरोपी उसे परेशान करते हैं कि वह उसे (पंपोशा) डॉक्टर नहीं बनने देंगे।
उन्होंने बताया कि इस बात से परेशान होकर उनकी बेटी ने गुरुवार देर रात हॉस्टल के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वल्ला पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। जालंधर स्थित रामा मंडी निवासी कमलेश रानी की शिकायत पर वल्ला पुलिस ने श्री गुरु रामदास अस्पताल की गाइनी वार्ड की एचओडी डॉ. प्रतिभा, डॉ. बीर दविंदर सिंह, सीआर गगनदीप कौर, डॉ. प्रभहिम्मत, प्रियंका, सीआर नमिशा, करणबीर सिंह, प्रोफेसर स्वाति, जिम्मी स्टेनो और डॉ. पीयूष को नामजद कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की उक्त प्रकरण में भूमिका की जांच की जा रही है।
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