– शिवपुरी में चुराते थे बाइक पुलिस के हत्थे चढ़े
– मेकेनिक के साथी बाइकें चुराकर पार्ट्स को अलग-अलग कर बाजार में सस्ती कीमतों में बेचते थे
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी की कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे बाइक चोर गिरोह को पकड़ा है जो शहर के विभिन्न स्थानों से बाइक चुराता था। पकड़े गए चोरों के पास से 18 बाइकें व इसके अलावा बाइकों के पांच इंजन बरामद किए गए हैं। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ा है। जबकि एक आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर बना हुआ है जिसकी तलाश में पुलिस जुटी दिखाई दे रही है। कोतवाली थाना प्रभारी अमित भदौरिया ने बताया कि एक मेकेनिक का शहर में हो रहीं बाइक चोरी की घटनाओं में हाथ है। कोतवाली पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना को गंभीरता से लेते हुए मेकेनिक और उसके साथ अनिल धाकड़ पुत्र उपाई धाकड़ उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम ठेह थाना सिरसौद, शिवकुमार धाकड़ पुत्र मोहन लाल धाकड़ उम्र 22 वर्ष निवासी डेहरवारा थाना तेंदुआ, रमाकांत पुत्र घनश्याम रावत उम्र 29 वर्ष निवासी ग्राम गिरबानी थाना गोवर्धन, धर्मेंद्र निवासी डेहरवारा थाना तेंदुआ को पकड़कर इनकी निशानदेही पर 18 मोटरसाइकिलें व 5 मोटरसाइकिलों के इंजन बरामद किए हैं।
पहले बाइक चुराते फिर बेचते थे मेकेनिक को-
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पकड़े गए चोरों ने बताया है की मेकेनिक के चार साथी बाइकें चुराकर लाते थे और इसके बाद मेकेनिक चुराई हुई बाइकों के पार्ट्स को अलग अलग कर बाजार में सस्ती कीमतों में बेच देता था। साथ ही इसके अलावा गिरोह के पांचों सदस्य ऐसे बाइक मालिकों को ढूंढते थे, जिनकी पुरानी बाइक के इंजन लगभग खराब हो चुके है। ऐसे वाइक मालिकों की बाइक में दूसरा इंजन लगाकर चोर गिरोह पैसे कमाता था। साथ ही इसके अलावा शहर से चोरी की गईं बाइकों को ग्रामीण क्षेत्र में भी बेच देते थे। पुलिस ने जहां गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है वहीं गिरोह का मास्टरमाइंड सदस्य कार्तिक अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर बना हुआ है।
पाटर्स को अलग-अलग कर बेचते थे-
कोतवाली पुलिस ने जिस वाहन चोर गिरोह को दबोचा है वह बहुत ही चालाक गिरोह था, बताया जाता है की इस गिरोह के सदस्य वाहन मालिकों पर नजर रखते थे और जैसे ही वाहन मालिक की नजर वाहन पर से हटती थी, उसी समय इनके द्वारा वाहनों को चुरा लिया जाता था, यह गिरोह चोरी की गईं बाइकों के पार्ट्स अलग अलग हिस्सों में निकालकर उन्हें बेचते थे, साथ ही पुरानी और खराब हुई बाइकों के इंजन को भी बदलने का काम कर मोटा मुनाफा चोर गिरोह के सदस्य कमाते थे।कोतवाली पुलिस को मिली सफलता के बाद खुलासा हुआ है की पकड़े गए वाहन चोर ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी की गई बाइकों को बेच दिया करते थे। बताया जाता है की इनके द्वारा ग्रामीणों को महज तीन से पांच हजार रूपए में चोरी की मोटरसाइकिलें बेची जाती थीं।