चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु को कभी कमजोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. शत्रु को पराजित करना चाहते हैं तो चाणक्य की ये सलाह आपके काम आ सकती है.
चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु दो प्रकार के होते है, एक शत्रु वो है जिसे हम देख सकते हैं, दूसरा शत्रु वो है जिसे हम देख नहीं सकते हैं. शत्रु कैसा भी हो, उसका मकसद सिर्फ हानि पहुंचाना ही होता है. सफलता की तरफ अग्रसर रहने वालों के शत्रु अधिक होते हैं. ये शत्रु सफलता के मार्ग में बाधा पहुंचाने का कार्य करते हैं. शत्रु को यदि पराजित करना चाहते हैं तो आचार्य चाणक्य की इन बातों पर अवश्य गौर करना चाहिए.
धैर्य बनाए रखें- चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को विपदा या परेशानी आने पर घबराना नहीं चाहिए. जो व्यक्ति मुसीबत आने पर धैर्य खो देता है, उसे शत्रु आसानी से पराजित कर देता है. इसलिए किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति को अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए.