इंदौर। शुभ मुहूर्त में 111 आचार्यों के साथ पंडितों ने जैसे ही मंत्रोच्चार शुरू किया यजमानों ने आराध्य का अन्नाधिवास पूर्ण कर उन्हें स्नान के लिए पात्र में विराजित किया। इसके बाद देवी-देवताओं की मूर्तियों को हिंद महासागर का जल, गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा, माही, कालिसिंध और चंबल के जलतथा 64 तरह की औषधियों, पंच गव्य आदि से दिव्य स्नान कराया गया। इसमें तरह-तरह के फलों का रस, फूलों का रस, जड़ी-बूटियां, पंचगव्य आदि भी शामिल था। देवताओं को स्नान कराकर उन्हें 11 पंडितों ने शैयाधिवास कराया। शाम करीब चार बजे मूर्तियों को शयन मुद्रा में विराजित किया गया। करीब 14 घंटे बाद ब्रह्ममुहूर्त में इन मूर्तियों को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इन दिनों अन्नपूर्णा आश्रम परिसर एक नए उत्साह से सराबोर है जहां मां अन्नपूर्णा के साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को नूतन मंदिर में स्थापित किया जा रहा है।
गुरुवार को इन मूर्तियों को स्नान कराकर शैयाधिवास कराया गया और शुक्रवार को मूर्ति स्थापित कर भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। गुरुवार शाम करीब चार बजे पलंग पर कुशासन बिछाकर मूर्तियों को शयन मुद्रा में विराजित किया। मूर्तियों के अंगों को स्पर्श करते हुए मंत्रोच्चार के साथ उनमें 10 दिशा, 64 योगिनी, 9 ग्रह, 27 नक्षत्र, यज्ञ, कर्म का न्यास कराया गया। इसके बाद उन्हें कपड़ों से ढंककर शैयाधिवास कराया। यह क्रिया आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सान्निध्य में मुख्य यजमान विनोद नीना अग्रवाल व अन्य यजमानों ने संपन्न की। इस अवसर पर मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष स्वामी जयेंद्रानंद गिरि, ओंकारेश्वर अन्नपूर्णा आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद गिरि, स्वामी आत्मप्रकाश यति, पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, सभापति जूना अखाडा श्रीमहंत प्रेम गिरि, श्रीमहंत स्वामी उमाशंकर भारती, जम्मू के स्वामी हृदयानंद गिरि आदि संत-विद्वान उपस्थित थे।
स्वर्ण-हीरे पर होगी स्थापना
ब्रह्ममुहूर्त में सभी मूर्तियों को तय स्थान पर स्थापित करने से पहले उन स्थानों पर स्वर्ण, रजत, हीरे, मोती सहित अन्य रत्न व धातु, मंत्र आदि रखे जाएंगे। आश्रम परिवार के गोपालदास मित्तल व श्याम सिंघल ने बताया कि गर्भगृह में देवी-देवताओं की मूर्ति के नीचे स्वर्ण, रजत, हीरा-पन्ना आदि रत्न-धातु रखने के लिए मंदिर के ट्रस्ट मंडल के अलावा संचालन समिति व अन्य 51 भक्तों ने ये वस्तुएं दान की हैं। शुक्रवार सुबह 11.30 बजे आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सान्निध्य में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि प्राण प्रतिष्ठा विधि संपन्न करेंगे। शाम 4.30 बजे स्वामी अवधेशानंदजी इस मंदिर का लोकार्पण करेंगे और धर्मसभा में भक्तों को संबोधित भी करेंगे। इस अवसर पर राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी उपस्थित रहेंगे। शाम 5 बजे से भक्त यहां दर्शन कर सकेंगे।
भजनों से हुई आराधना
गुरुवार शाम मंदिर परिसर में भजन संध्या हुई। इसमें कविता पौडवाल ने प्रस्तुति दी। कविता ने यूं तो सभी देवी-देवताओं के भजन प्रस्तुत किए, लेकिन अधिकांश भजन मां दुर्गा के गुणों का बखान करने वाले थे। उन्होंने माता तेरी सदा हो जय, तू शबरी बनकर तो दिखा, ऐसा जादू कर गई राधा रानी, सुबह को बोल, शाम को बोल आदि भजन सुनाए।
महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज इंदौर आए
अन्नपूर्णा माता मंदिर में जारी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेने के लिए गुरुवार शाम जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज शहर आए। विमानतल पर समाजसेवी विनोद अग्रवाल व प्रभु प्रेमी संघ के सुशील बेरीवाल सहित अन्य भक्तों ने उनका स्वागत किया। विमानतल पर पूर्व विधायक जीतू जिराती, रमेश धनोतिया आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
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