मुक्तिधाम के स्मृति उद्यान में गोवंश से जुड़े पशुओं के पढ़े हुए हैं अवशेष भारी दुर्गंध और गंदगी से श्रमदानियों को हो रही परेशानी
विदिशा। मुक्तिधाम क्षेत्र के आसपास एवं स्मृति उद्यान में आज 8 से अधिक बछड़े बछियों के नरमुंड और उनके अवशेष खुले में पड़े हुए हैं जिसके कारण भारी गंदगी और बदबू से यहां के नियमित श्रमदानियों को श्रमदान के दौरान खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
। मुक्ति धाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे के मुताबिक शुक्रवार को स्मृति उद्यान में श्रमदान के दौरान लगभग 8 गोवंश से जुड़े पशुओं के नरमुंड और अन्य अवशेष खुलेआम कुत्ते घसीट कर खा रहे थे। इनसे फैलती दुर्गंध और बदबू के कारण जहां स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है वही प्रतिदिन श्रमदान कार्य में भी परेशानी का सामना हम सब लोगों को करना पड़ रहा है।
संस्था सचिव मनोज पांडे के मुताबिक आए दिन यहां बड़ी संख्या में कुत्ते आसपास के क्षेत्र से पशुओं के अवशेष घसीट कर पार्कों में ले आते हैं जिससे भारी दुर्गंध और गंदगी का हम सभी को सामना करना पड़ रहा है। जहां श्वास लेने में भी परेशानी होती है वही प्रतिदिन पौधों के लिए पानी और श्रमदान कार्य में भी परेशानी का सामना हम सब लोगों को करना पड़ रहा है।
संस्था सचिव मनोज पांडे के मुताबिक शुक्रवार को ऐसे लगभग 8 पशुओं के नरमुंड स्मृति उद्यान में पड़े हुए थे तो वही एक बछड़े का नरमुंड मुक्तिधाम के पार्किंग स्थल पर खुलेआम कुत्ते नोच नोच कर खा रहे थे। संस्था सचिव मनोज पांडे के मुताबिक निश्चित ही यह आसपास के गौशाला या निजी पशु मालको के हो सकते हैं जिंदगी मौत के बाद कुत्ते घसीट कर यहां नजदीक बने पार्कों में ले आते हैं। श्री पांडे के मुताबिक शुक्रवार को ही दो गाय मुक्तिधाम के शवदाह स्थल पर तड़पती देखी गई थी जिनके गले में बाकायदा किन्हीं निजी पशु मालिकों द्वारा घंटी एवं अन्य चीज बंधी हुई थी वही दोनों गायों के सींग भी पुते हुए थे इससे पता चलता है कि वह निश्चित थी निजी पशु मालिकों के पशु है। इनकी स्थिति को देखते हुए फौरन ही वहां डॉक्टर बुलाया गया और उन्हें दवा दी गई।
संस्था सचिव मनोज पांडे के मुताबिक ऐसी गायों का दूध का दोहन करने के बाद निजी पशु मालिक बीमारी की अवस्था में छोड़ देते हैं और अनेकों बार हमें उन्हें डॉक्टरों को दिखाना पड़ता है यहां तक की असमय उनकी मौत के बाद नगर पालिका को भी सूचित करना पड़ता है। संस्था सचिव मनोज पांडे ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह आसपास की गौशाला या निजी पशु मालिकों को उनके रखरखाव के लिए निर्देशित करें। संस्था सचिव मनोज पांडे के मुताबिक हम सब समाजसेवियों को प्रतिदिन ऐसी बदबू और गंदगी से दो-चार होना पड़ रहा है यहां तक की पशुओं के मांस की भारी बदबू के कारण हमारे सेवा कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है वही जो कुत्ते इनका मांस और अवशेष नोच नोच कर खा रहे हैं वह निश्चित ही लोगों को भी परेशानी का कारण बन सकते हैं क्योंकि शुक्रवार को जब ऐसे कुत्तों को भगाया गया तो वह हम सब लोगों पर भी झपटने को तैयार थे ऐसी स्थिति में जब मुक्तिधाम में लोग बाग अंतिम क्रिया को पहुंचते हैं ऐसे में पशुओं के मांस को खाने के बाद कुत्तों के काटने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
समिति से जुड़े डॉ हेमंत विश्वास के मुताबिक मास की दुर्गंध और गंदगी निश्चित स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव तो डालती है वही स्वास संबंधी बीमारी को भी आमंत्रित करती है। समिति के सचिव मनोज पांडे डॉ हेमंत विश्वास विमलेश सक्सेना सत्यम ताम्रकार ने प्रशासन से अपील करते हुए ऐसी परेशानी से निजात दिलाने की मांग की है।
न्यूज सोर्स:: मनोज पाण्डे सचिव