आरोग्यम केंद्र के परिसर में मेडिकल वेस्ट, सरकारी स्कूल में नहीं है पर्याप्त व्यवस्था,बाजार में गंदगी और झाड़ियों और कचरे से ढंकी बावड़ी
रिपोर्ट-धीरज जॉनसन,दमोह
दमोह जिला मुख्यालय से लगभग 34 किमी दूर ग्राम पंचायत तेजगढ़ के अस्पताल,स्कूल,रहवासी क्षेत्र और प्राचीन बावड़ी के हालात देखकर लगता है कि इनमे सुधार किया जाना अति आवश्यक है जो अब तक नहीं हो सका है।
आरोग्यम केंद्र के परिसर में फैला मेडिकल वेस्ट
क्षेत्र की जनता की सुविधाओं के लिए बने आरोग्यम केंद्र भवन के पीछे गंदे कपड़े,इस्तेमाल के बाद फैंकी गई सुई,आई वी सेट,कांच की दवाई की शीशी दिखाई देती है जबकि इनका निस्तारण किया जाना था,पर केंद्र की लापरवाही से संक्रमण और बीमारी फैलने का खतरा परिलक्षित होता है,इस संबंध में यहां पदस्थ डॉ पी शर्मा का कहना था कि पता लगवाते है और जिम्मेदार ठेकेदार से बात करते है।
1174 दर्ज छात्र संख्या वाले स्कूल में नहीं है पर्याप्त सुविधा
तेजगढ़ के हायर सेकंडरी स्कूल में वैसे तो दर्ज छात्रों की संख्या 1174 है जहां नियमित शिक्षक 8 और अतिथि शिक्षक 17 है,पर मंगलवार को 2 नियमित शिक्षक और 2 अतिथि शिक्षक अनुपस्थित थे,शिक्षक भरत अठया ने बताया कि 2 शिक्षक मीटिंग में गए है पर वे कोई लिखित पत्र नहीं दिखा पाए ,स्कूल के नल में लगी कुछ टोंटी टूटी हुई थी तो खेल मैदान जो समतल भी नहीं था वहां कंकड़ छोटे पत्थरों की भरमार दिखाई दी।
सुगम रास्ते के इंतजार में,कीचड़ और गंदगी से निकलने को मजबूर
क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 के रहवासी गंदगी और कीचड़ से परेशान दिखाई दिए,बाजार में ही सड़क किनारे लगे हैंडपंप का गंदा पानी,प्लास्टिक और गंदगी का ढेर वैसे तो संक्रमण और बीमारी और निमंत्रण देता प्रतीत होता है जिसकी सफाई तक नहीं की गई पर यहां से कुछ दूरी पर रहने वाले करीब 70 – 75 लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि मुख्य सड़क तक आने के लिए रास्ता नहीं है पानी और कीचड़ में पत्थर रख दिए गए है जिससे होकर सभी निकलते है पर कई बार गिर पड़ते है स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे, बुजुर्ग,दिव्यांग को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।जानकारी के अनुसार जिस रास्ते से ये लोग गुजरते है वह लगानी भूमि है। स्थानीय निवासियों सहित सियारानी, मुन्नी,कल्पना व छोटे बच्चों ने बताया कि बीमार,गर्भवती महिला,दिव्यांग,बुजुर्ग को बहुत परेशानी होती है गिर जाते है तो कपड़े गंदे हो जाते है अगर यह रास्ता नहीं है तो अन्यत्र से निकलने का रास्ता दिया जाए।इस संबंध में नायब तहसीलदार एस अग्रवाल का कहना था कि आज ही यह मामला संज्ञान में आया है,जल्द से जल्द दिखवाते है और जो बेहतर होगा वह प्रयास करेंगे।
झाड़ियों और कचरे से ढंक गई प्राचीन बावड़ी
तेजगढ़ में एक प्राचीन बावड़ी भी दिखाई देती है जिसके नीचे तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां और द्वार भी बने हुए है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले इसका पानी इस्तेमान किया जाता था पर अब तो यह गंदगी और झाड़ियों से भर चुका है जिसकी सफाई बहुत जरुरी है जिससे प्राचीन धरोहर सुरक्षित रह सकें।