– सजीवन बूटी नही पहचान पाये तो द्रोणागिरी पर्वत उठा लाए हनुमान
-रामलीला में लक्ष्मण शक्ति प्रसंग की हुईं आकर्षक लीला, मेघनाथ और लक्ष्मण का प्रसंग देख दंग रह रहे दर्शक
सी एल गौर रायसेन
रामलीला महोत्सव के चलते शनिवार को रामलीला मैदान में कलाकारों द्वारा लक्ष्मण शक्ति प्रसंग की लीला का शानदार मंचन किया गया जिसे देखकर हजारों दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार लंकापति रावण का पुत्र इंद्रजीत मेघनाथ रण मैदान में जाने के लिए आज्ञा लेने जाता है तो पहले रावण मना करता है परंतु मेघनाथ के बार-बार विनय करने पर जाने की आज्ञा दे देते हैं और इस दौरान मेघनाथ पूरे दलबल के साथ अपनी सेना को लेकर भारी गर्जना करते हुए और रामा दल की ओर कूच करता है ।
इधर भगवान राम लक्ष्मण रामा दल में सेना के साथ बैठे होते हैं उन्हें सामने कोई आता दिखाई देता है तो भगवान राम हनुमान जी से कहते हैं कि आप बानर सेना लेकर जाओ और देखो कि यह कौन है इधर हनुमान जी आज्ञा लेकर चल देते हैं जब मेघनाथ के सामने पहुंचते हैं तो मेघनाथ भी उन्हें देखकर चौक जाता है और कहता है कि मैं तुमसे युद्ध करूंगा जिस पर हनुमान जी बोले हे मेघनाथ तुम्हें अपने आप पर बहुत घमंड है सामने वाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए उस पर मेघनाथ ने कहा तुम मेरे साथ युद्ध के लिए तैयार हो जाओ। इस प्रकार से हनुमान जी की वानर सेना और मेघनाथ की सेना में घनघोर युद्ध शुरू हो जाता है परंतु मायावी मेघनाथ अपनी माया चलाकर और वानर सेना को रण मैदान में पराजित कर देता है, और रावण के पास पहुंच जाता है । इधर हनुमान जी वानर सेना को लेकर श्री राम जी के पास आते हैं और कहते हैं कि हे स्वामी वह मेघनाथ तो बहुत बलशाली है बहुत बड़ा मायावी है
उसके पास कई प्रकार की शक्तियां है जिनका प्रयोग करता है इस प्रकार से जब हनुमान जी के वचन सुनकर राम जी मेघनाथ से युद्ध करने के लिए तैयार होते हैं तो लक्ष्मण कहते हैं भैया मेरे होते हुए आप क्यों जा रहे हैं मैं देखता हूं कौन मेघनाथ है इस प्रकार से लक्ष्मण जी श्री राम से आज्ञा लेकर के और मेघनाथ सिद्ध करने के लिए रण मैदान में चल देते हैं उधर मेघनाथ भी अपनी सेना के साथ मैदान में आता है इस समय लक्ष्मण जी और मेघनाथ के बीच घमासान युद्ध होता है अंत में मेघनाथ अपनी मायावी शक्ति का उपयोग करते हुए अंत में ब्रह्मा शक्ति का उपयोग लक्ष्मण जी के ऊपर करता है तो जिससे लक्ष्मण जी मूर्छित होकर जमीन पर गिर पड़ते हैं। जब यह खबर रामा दल में पहुंचती है तो भगवान श्रीराम भी लक्ष्मण को देखने के लिए तुरंत चले आते हैं और लक्ष्मण को देखते हैं तो ब्रह्मा शक्ति में मूर्छित देखकर बहुत दुखी होते हैं रामा दल में विचित्र स्थिति निर्मित हो जाती है लक्ष्मण जी की मूर्छा जगाने के लिए सुखेन वेद को बुलाया जाता है, जिनके द्वारा जड़ी बूटियों से उपचार किया जाता है इसके पश्चात वह सजीवन बूटी के लिए लाने कहते हैं । इधर हनुमान जी सजीवन बूटी के लिए द्रोणागिरी पर्वत की ओर चल देते हैं वहां जाकर देखते हैं तो वह सजीवन बूटी को पहचान नहीं पाते जिस कारण वह पूरा द्रोणागिरी पर्वती उठा लाते हैं। इस प्रकार से संजीवन बूटी का उपयोग करते ही लक्ष्मण जी की मूर्छा जाग जाती है और रामा दल में खुशी का माहौल छा जाता है। इस मनोरम प्रसंग की
लीला को देखकर रामलीला मैदान के चारों तरफ मौजूद हजारों दर्शक खुशी के मारे जय जय सियाराम, जय हनुमान के जयकारे लगाते हैं। इस प्रकार से रामलीला मैदान में इस लक्ष्मी लक्ष्मण शक्ति आकर्षक कृष्ण की लीला का मंचन किया गया इस दौरान लक्ष्मण की भूमिका अंकित तिवारी, मेघनाथ की भूमिका आदित्य शुक्ला, और श्री हनुमंत लाल की भूमिका पं बद्री पाराशर, सुखेन वेद्ध की की भूमिका पंडित राजेंद्र शुक्ला ने निभाई। इस मौके पर मेला समिति के अध्यक्ष बृजेश चतुर्वेदी, पूर्व नपा अध्यक्ष जमना सेन, गिरधारी लाल शाक्य, कन्हैया लाल सूरमा, मनोज अग्रवाल, अशोक सोनी, सेतान सिंह पवार, मोहन चक्रवर्ती, संकर लाल चक्रवर्ती, अशोक नाविक, राजेश पंथी,मनमोहन रैकवार, बालकिशन कन्नोजिया, हल्ला महाराज, संजीव शर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
रविवार को होगी कुंभकरण वध की आकर्षक प्रस्तुति
रामलीला में रविवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कुंभकरण वध की आकर्षक लीला का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जाएगा।