आलेख
अरुण पटेल
2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा फुल एक्शन मोड में आ गई हैं और दोनों ने अपने-अपने लक्ष्य निर्धारित कर लिए हैं। भाजपा ‘एक बार 200 पार‘ के नारे को फलीभूत करने के लिए आकांक्षी विधानसभा क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां और तेज कर रही है तथा उसका लक्ष्य अपना मत प्रतिशत बढ़ाकर 51 प्रतिशत करना है ताकि मध्यप्रदेश की सत्ता में उसे चुनौती देने वाला कोई अन्य राजनीतिक दल न रहे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने नये साल के पहले सूर्योदय यानी प्रथम दिन को संकल्प दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया है और इस संकल्प दिवस पर उसका संकल्प होगा ‘नया साल-बदलो सरकार, नया साल कमलनाथ सरकार।‘ मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री रहे प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चन्द्रप्रभाष शेखर, उपाध्यक्ष प्रकाश जैन और महासचिव राजीव सिंह ने मीडिया से संयुक्त रुप से चर्चा करते हुए कांग्रेस के इस संकल्प की जानकारी दी। उनका कहना था कि 2023 का साल प्रदेश में भाजपा सरकार बदलने का साल है तथा जनता कांग्रेस सरकार बनाने को संकल्पित है। अब यह तो नतीजों से ही पता चलेगा कि जनता वास्तव में संकल्पित है या नहीं लेकिन फिलहाल कांग्रेस संकल्पबद्ध होती नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर जहां कांग्रेस नये साल के पहले दिन से फुल एक्शन मोड में होगी तो भाजपा अभी से फुल एक्शन मोड में नजर आ रही है। 200 आकांक्षी विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों की एक बैठक हुई जिसके बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि भाजपा ने प्रत्येक बूथ पर 51 प्रतिशत वोट शेयर करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसके लिए कार्यकर्ता निरन्तर कार्य कर रहे हैं। शर्मा का दावा है कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार गरीबों का जीवन बदलने का कार्य कर रही हैं। पार्टी की रीति-नीति व कार्यक्रम तथा योजनायें प्रभावी तौर पर निचले स्तर तक पहुंचे इस पर भी चर्चा हुई और संगठन की दृष्टि से आकांक्षी विधानसभा क्षेत्रों में हमारे बूथ सुदृढ़ हों इसकी भी रणनीति बनाई गई। चुनावी रणनीति की दृष्टि से भोपाल जिले के 29 मंडलों की कार्यसमिति की बैठक हुई जिसमें शक्ति केन्द्रों को मजबूत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इन बैठकों में इस बात पर जोर दिया गया कि संगठन की मजबूती के लिए मंडल स्वाबलम्बी बने तथा बूथ अधिक सक्रियता से काम करें। प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए काम हो और प्रत्येक काम के लिए कार्यकर्ता तैयार रहें। चुनावी रणनीति पर बात हो और उसमें कांग्रेस पर चर्चा न हो ऐसा हो नहीं सकता। बैठक में कहा गया कि कांग्रेस नेता तो झूठ के प्रतीक हैं और झूठ बोलकर ही इन लोगों ने अपनी राजनीति की है। कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, लेकिन भाजपा ने कभी भी लाभ या फायदे के लिए राजनीति नहीं की है। हम एक विचारधारा के लिए लडते हैं सत्ता के लिए नहीं लड़ते जबकि कांग्रेस का विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। कार्यकर्ताओं को यह भी कहा गया कि हम सभी 2023 के विधानसभा चुनाव के नजदीक खड़े हैं जिसके लिए हमें अभी से कमर कस कर तैयार रहना होगा। हमारे शक्ति केन्द्र सुदृढ़ रहें इसके लिए शक्ति केन्द्रों पर जिन समितियों का गठन हुआ है उन्हें अपने अंतर्गत आने वाले बूथों को मजबूत करना है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81 करोड़ 30 लाख गरीबों को एक साल और यानी 2023 तक मुफ्त राशन देने के फैसले को जहां एक ओर चुनावों की दृष्टि से एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है तो वहीं कांग्रेस ने इस पर एतराज जताया है। प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने इसे राजनीतिक फैसला बताते हुए कहा कि निकट भविष्य में कुछ राज्यों में विधानसभाओं और लोकसभा चुनाव होना है इसे दृष्टिगत रखते हुए ही केन्द्र सरकार ने यह फैसला किया है। उनका आरोप था कि हकीकत तो यह है कि इस योजना के तहत मध्यप्रदेश के कई जिलों में राशन माफिया ताकतवर हुआ है और सरकारी तंत्र से उसने गठबंधन कर गरीबों के मुंह से उनका निवाला छीन लिया है। राशन माफिया के आगे सभी व्यवस्थायें फेल हैं। इस प्रकार अब दोनों ही दल फुल एक्शन मोड में आ गए हैं।
–लेखक राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार हैं।