कार्तिक में भगवान श्रीहरि को तुलसी चढ़ाने का फल 10 हजार गोदान के बराबर
देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
इन दिनों कार्तिक मास चल रहा है। इसके चलते सुबह 6 बजे से महिलाएं उठकर स्नान करती हैं। फिर मंदिर में जाकर भगवान विष्णु, तुलसी माता की पूजा अर्चना कर रही हैं। कार्तिक स्नान 9 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ है जो 8 नवंबर तक चलेगा। कार्तिक माह में स्नान करने से घर में धन धान्य की प्राप्ति होती है और अंत में बैकुंठ को प्राप्त होती हैं। सुख समृद्धि की कामना करते हुए महिलाएं कार्तिक मास स्नान कर रही हैं। मंदिरों में पूजा कर रही हैं। कार्तिक माह में तुलसी की पूजा का विशेष विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने तुलसी पूजा करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं, जहां भगवान श्री हरि होते हैं, वहीं मां लक्ष्मी जी का भी वास होता है। कार्तिक की पूजा में भगवान श्रीहरि को तुलसी चढ़ाने का फल 10 हजार गोदान के बराबर माना गया है। वहीं सप्तदेवालयों में कार्तिक नियम व्रत सेवा अंतर्गत तुलसी पूजन एवं दीपदान के लिए भक्त उमड़ रहे हैं।
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में तुलसी नामाष्टक का पाठ करने और सुनने से लाभ दोगुना हो जाता है। जिन दंपतियों को संतान का सुख न मिला हो, उन्हें भी तुलसी पूजा करनी चाहिए। वैसे तो पूरे कार्तिक मास में ही तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए लेकिन यदि किसी कारणवश दीपक नहीं जलाया है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे 31 दीपक जलाकर अपने घर और गृहस्थी के लिए सौभाग्य की कामना करनी चाहिए। साथ ही सभी महिलाएं अपने मोहल्ले एवं वार्ड में जो भी महिलाएं इस पूजन में मंदिर पर एकत्रित होती है प्रत्येक दिवस में एक एक व्यक्ति के घर पहुंचकर तुलसी माता की पूजा अर्चना करते हैं एवं उनकी आरती कर धन्यवाद एवं सुख समृद्धि की कामना करती है ।