सतीश मेथिल सांचेत रायसेन
सांचेत और आसपास के दर्जन भर गांव में इस समय धान की फसल में लग गया गर्दन तोड़ रोग गर्दन तोड़ बीमारी की चपेट में आई धान जिसमें ग्राम सगोनिया सोनकछ गमीरी डंडेरा बड़ोदा ग्यारसावाद बहैड़िया धनाश्री हकीमखेड़ी गमीरी वनखेड़ी आदि ग्रामो में किसानों चेहरे पर मायूसी की लकीरे खींच गई है।
किसानों ने लाखों रू खर्च कर अपनी धान की फसल को लगवाया था और आज गर्दन तोड़ा रोग से धान की फसल में लगी बाली सुख गई है सूख कर पोची पड़ गई है किसान प्रीतम सिंह लोधी अमित लोधी जितेंद्र लोधी आदि ने वताया हमने मजदूरों से धान लगबाई थी और मजदूरों को मेहनत के पर आदमी तीन सौ पचास रू प्रति मजदूरी को देकर धान की रोपाई कर बाई थी और आज ये रोग लग जाने से रातों की नींद उड़ गई है
धानकी फसल में बालियां और दाने बनने लगे हैं। मौसम में अचानक हो रहे बदलाव के कारण फसलें गर्दन तोड़ (नेक ब्लास्ट) बिमारी की चपेट में रही हैं। धान का पौधा सूखने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। पौधा सूखने का सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ेगा। बीमारी पर काबू पाने के लिए किसानों को रासायनिक दवाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। किसानों ने कृषि अधिकारियों से खेतों का निरीक्षण करने की मांग की है।
धान की फसलें पकनी शुरू हो गई हैं। फसलों को नेक ब्लास्ट बिमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है। यह बीमारी मौसम में अचानक हुए बदलवा और अधिक नमी के कारण फैलती है। बालियां निकलते समय इस बीमारी के कारण पौधे की गाठें कमजोर हो जाती हैं। इससे पौधे की बालियां सफेद हो जाती हैं। बालियां सफेद होने से उनमें दाना विकसित नहीं होता है।
नेक ब्लास्ट बीमारी की चपेट में आने के बाद धान की पत्तियों पर आंख के आकार के नीले अथवा बैंगनी रंग के अनेक धब्बे बनते हैं। बाद में धब्बों के बीच का भाग चौड़ा तथा दोनों किनारे लंबे हो जाते हैं। कई धब्बे आपस में मिलकर बड़े आकार के हो जाते हैं और पत्तियों को सूखा देते हैं। वहीं तने की गांठें काली हो जाती हैं। इससे बालियां सफेद हो जाती हैं।
–जितेंद्र लोधी किसान सांचेत