रायसेन।सरकार ने कुछ दिन पहले 12:32:16 के अनुपात वाली एनपीके खाद से सब्सिडी हटा ली थी। इससे एनपीके खाद की बोरी किसानों को 1700 रुपए में मिलने लगी थी। इससे रबी फसलों की बोवनी में किसानों पर महंगाई का बोझ पड़ गया था। किसानों में इससे आक्रोश भी था। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने 2 दिन पहले ही एनपीके खाद से 230 रुपए सब्सिडी बढ़ा दी है। इससे अब यह खाद पिछले साल की तरह फिर से 1470 रुपए बोरी के भाव मिलने लगी है।
दूसरी ओर रबी फसलों की बोवनी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। किसान बोवनी के लिए यूरिया और डीएपी की जुगाड़ में जुट गए हैं। रायसेन जिले में फिलहाल रबी सीजन में यूरिया की डिमांड 50 हजार टन है। जबकि अभी तक रायसेन जिले में सिर्फ 9 हजार टन यूरिया ही आई है। वर्तमान में देखा जाए तो जिले की 113 सोसायटियों के पास सिर्फ 3 हजार टन यूरिया का स्टाक ही बचा है।
डीएपी और एनपीके की ज्यादा डिमांड
रायसेन जिले में रबी सीजन में 30 हजार टन डीएपी और एनपीके खाद की डिमांड रहती है। इसकी तुलना में अभी 9 हजार टन डीएपी और 3 हजार टन एनपीके खाद आई है। इन दोनों का वर्तमान में सिर्फ 3 हजार टन का ही स्टाक बचा है। रबी फसलों की बोवनी से पहले किसान खाद का स्टाक कर रहे हैं। कई जगह कतारें लग रही हैं। इससे किसान परेशान हो रहे हैं।ऐसे हालातों के चलते किसानों को निश्चित रूप से खाद की किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
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