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नप को सबसे अधिक आय देने वाली कालोनी भी बदहाली में

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साँची रायसेन से देवेंद्र तिवारी

सांची का विकास स्वच्छता पेयजल सड़क नाली सहित आम के स्त्रोत जुटाने व लोगों को सुविधा प्रदान करने नगर परिषद ने कमान अपने हाथ में ली है परन्तु सफलता दूर दूर तक दिखाई नहीं देती जिसका खामियाजा नगर के लोगों को भुगतने पर मजबूर होना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार इस ऐतिहासिक नगरी की कमान नगर परिषद सम्हाले हुए है इस विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के विकास पेयजल आपूर्ति स्वच्छता सड़क नालियों सहित आम के स्त्रोत की व्यवस्था के साथ ही नगर के लोगों की समस्या के समाधान करने की दिशा में कार्य करना होता है परन्तु नगर परिषद आय के स्रोत तो जुटा ही लेती है तथा लोगों से विभिन्न करो के रूप में लाखों करोड़ों रुपए वसूल भी कर लेती है इसी के साथ लाखों रुपए शासन की अनुदान राशि भी मिल जाती है बावजूद इसके नगर के हालात बद से बद्तर स्थिति में बने रहते हैं लोगों को समस्याओं के हल करवाने अनेक चक्कर लगाने पड़ते हैं सुविधा के नाम पर मात्र दिखावा साबित होता है इस नगर को कभी भी न तो प्रशासन न ही परिषद ने गंभीरता से लिया है जबकि ऐसा भी नहीं है कि यहां अधिकारी कर्मचारियों की कोई कमी रही हो हमेशा से ही लंबी फौज जिनपर लाखों रुपए खर्च शासन को वहन करना पड़ता है इतना ही नहीं इस बदहाली के दौर से गुजरने वाली परिषद के अनेक कर्मचारियों को यहां वहां अटेच किया गया है जिसका भार भी इस परिषद प्रशासन को उठाना पड़ता है इतना सबकुछ होते हुए भी लोगों की समस्या जिसकी तस बनी रहती है यही कारण रहता है जब अधिकारी भी इस नगर में आने वाली राशि में बंदरबांट कर चलते बनते हैं ऐसे अनेक मामले समय समय पर उजागर होते रहे हैं । कहने को तो इस नगर में सबसे अधिक आय देने वाली हेडगेवार कालोनी कहलाती है परन्तु इस कालोनी को भी इन दिनों बदहाली के दौर से गुजरने पर मजबूर होना पड़ रहा है इस कालोनी में डाली गई सड़कें तो अपनी कहानी स्वयं बयां कर रही है साथ में यहां डाली गई सीवर लाइन लोगों की सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है स्वच्छता अभियान के नाम पर धींगे भरने वाली नगर परिषद के अनेक अधिकारी इसी कालोनी में वास करते हैं यहां गंदगी ने कालोनी को अपनी चपेट में ले रखा है मुख्य मार्ग से दाखिल होते ही कालोनी में जंगल जैसा नजारा देखने को मिल जाता है जिससे न केवल कीड़े कांटे लोगों को भयभीत करते हैं बल्कि मच्छरों की संख्या में भी खासा इजाफा होता है जिससे विभिन्न बीमारियों की चपेट में भी लोगों का आना-जाना लगा रहता है तब इस विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटक स्थल का विकास मात्र कागजी कार्रवाई ही बनकर रह गया है और लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है ।आये दिन इस नगर में विशिष्ट अति विशिष्ट आते जाते रहते हैं परन्तु गंदगी तथा समस्या पर नजर न पहुंच पाना भी लोगों के गले नहीं उतर पाता । लगभग चार साल से इस ऐतिहासिक नगरी की कमान पूरी तरह प्रशासन के हाथों में रहने के बाद भी लोग अपनी समस्या के लिए भटकते आसानी से दिखाई दे जाते हैं इस नगर ऐतिहासिकता को देखते हुए शासन प्रशासन को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत लोग महसूस कर रहे हैं

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