क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर कर रही थी जलसत्याग्रह
उज्जैन से हेमेन्द्रनाथ तिवारी
क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नूरी खान ने जल सत्याग्रह प्रारंभ किया। ठंडे पानी में काफी देर रहने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ा तो कार्यकर्ता उन्हें अस्पताल ले गए जहां उन्हें उपचार दिया जा रहा है। रामघाट पर क्षिप्रा नदी में उतरकर जल सत्याग्रह करने से पहले सुश्री खान ने आरोप लगाया कि वर्षो से सरकार ने क्षिप्रा को साफ करने और प्रवाहमान रखने के लिए लगभग 600 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इसके बाद भी नदी में गंदा पानी मिल रहा है।
सरकार संतों-महंतों की मांग, भावना और श्रद्धालुओं की आस्था पर ध्यान नहीं देकर गंदे पानी को नदी में मिलने से रोकने की मात्र नौटंकी कर रही हैं गंदा पानी रामघाट तक पहुंच रहा है। ऐसे में श्रद्धालु नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं। नदी के नाम पर अब तक करोड़ों खर्च किए गए लेकिन 16 गंदे नालों का पानी अद्यतन नदी में मिलने से रोका नहीं गया है।