575 में कर रहे रिफिल
-जेल जाकर भी नहीं सुधरे गौरखधंधे से जुड़े लोग
-अधिकृत व्यवसायिक सिलेंडर सप्लायरों का धंधा चौपट
-सरकार को भी लग रहा चूना
सुरेन्द्र जैन धरसीवा
सब्सिडी से मुक्त जो व्यवसायिक गैस सिलेंडर गैस कंपनियो को लाभ पहुचाने का माध्यम हैं उस पर घरेलू से रिफिल करने वालो ने सेंधमारी कर रखी है 5 किलो ग्राम का व्यवसायिक सिलेंडर जिसकी निर्धारित रिफिल दर जून माह में 685 रुपये है उसे घरेलू सिलेंडरों से 575 रुपये में रिफिल किया जा रहा है इस गौरखधंधे में लिप्त कुछ लोग तो जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरे हैं जेल से छूटकर पुनः रिफलिंग के गौरखधंधे में लिप्त हो गए हैं।
सांकरा के विडियोहाल क्षेत्र की बात करें या सांकरा ऑटो स्टैंड चोक से लेकर सोण्डरा तिराहा तक देखें दर्जनों स्थान पर एचपी इंडेन भारत के घरेलू सिलेंडरों से कहीं 115 रुपये किलो तो कहीं 120 रुपये किलो में गैस व्यवसायिक 5 किलो ग्राम के सिलेंडरों में रिफिल की जा रही है धरसीवा चरोदा सिलतरा उरला अछोली में किराए के मकान दुकान लेकर धड़ल्ले से यह गौरखधंधा फल फूल रहा है ।
गैस कंपनियो को लग रहा चूना
व्यवसायिक 5 किलो ग्राम सिलेंडर हो या 19 किलो ग्राम यह सब्सिडी मुक्त होते हैं इनकीं जितनी अधिक बिक्री होगी गैस कंपनियो को उतना ही अधिक लाभ होगा लेकिन व्यवसायिक की अपेक्षा घरेलू 14 किलो ग्राम सस्ता होने से उसकी गैस व्यवसायिक मे ट्रांसफर कर गौरखधंधा करने वाले एक घरेलू सिलेंडर खाली कर 500 से 700 रुपये तक प्रति सिलेंडर कमाते है ओर आसानी से सुबह से रात तक पांच पांच हजार रुपये तक कमा लेते हैं लेकिन इस गौरखधंधे से भारत इंडेन ओर एचपी के व्यवसायिक सिलेंडरों के सप्लायरों के सिलेंडरों की बिक्री पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे न उन्हे कमाई होती है न ही गैस कंपनियो को।
सीएसपी की टीम ने की थी कार्यवाही
कुछ साल पहले सांकरा मांगी तालाब के आगे तत्कालीन सीएसपी यूके चंद्रवंशी के कार्यकाल में सुबह सुबह सीएसपी कार्यालय की टीम ने इस गौरखधंधे के खिलाफ कार्यवाही की थी तब घरेलू से 19 किलो ग्राम के सिलेंडर बनाने वाले को गिरफ्तार कर लगभग 25 सिलेंडर जप्त किये थे ।
प्राइवेट सिलेंडरों से शुरू किया पहुच गए व्यवसायिक पर
गैस रिफिल का गौरखधंधा करने वाले लोग दो एवं 5 किलो के सस्ते प्राइवेट सिलेंडरों में गैस भरकर उनके ऊपर चुल्हा लगाकर बेंचने से काम शुरू किये फेक्ट्रियो में बाहर से आने वाले श्रमिकों को हजार बारह सौ में लेबर ठेकेदारों के माध्यम से बेचते हैं लेकिन अब वह सरकारी भारत इंडेन ओर एचपी के 5 किलो व 19 किलो व्यवसायिक भी घरेलू से रिफिल करने लगे हैं ।
हो चुकी 3 की मौत
रिफलिंग के इस गोरखधंधे के चलते खतरे भी बहुत होते हैं इसीलिए रिफलिंग करने वाले अपने खुद के घरों में यह काम नहीं करते बल्कि किराए की दुकान मकान लेकर ही यह काम करते हैं और बड़ी घटना होने पर रफूचक्कर होते हैं। कुछ माह पहले रायपुर के नजदीक एक बड़ी घटना हो चुकी जिसमे 3 लोगो की मौत भी हुई बाबजूद इसके यह गौरखधंधा थमा नहीं है।
पेट्रोल पंप के आसपास से मिलते हैं घरेलू सिलेंडर
कुछ एजेंसियों के अलावा सिलतरा के जिस पेट्रोल पंप पर रिफलिंग प्लांट से भरे सिलेंडर लाकर बड़ी संख्या गैस एजेंसियों में जाने वाले ट्रक खड़े रहते है सूत्र बताते हैं की वहां कोई बहुत कम रेट में घरेलू सिलेंडर देता है चूकी वहां भरे सिलेंडरों के ट्रक बड़ी संख्या में खड़े होते हैं इसलिए उनके बीच ट्रक खड़ा कर घरेलू सिलेंडर रिफिल करने वालों पर कोई शक नहीं करता।
उज्ज्वला का भी ले रहे लाभ
गौरखधंधे से जुड़े लोग उज्ज्वला योजना का भरपूर लाभ ले रहे हैं गैस महंगी होने से अधिकांश ग्रामीण गरीब उपभोक्ता हर माह अपने गैस सिलेंडरों को भरा नहीं पा रहे क्योकि वह फेक्ट्रियो की काली डस्ट में मिट्टी मिलाकर लड्डू बनाकर उसे सुखाकर फोकट की ईंधन तैयार कर लेते है ऐंसे में गोरखधंधे से जुड़े लोग उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं के नाम के सिलेंडरों की रिफिल ले रहे हैं।