शिवपुरी।शिवपुरी जिले के बैराड़ थाना अंतर्गत बनहेड़ा खुर्द गांव की आदिवासी बस्ती रामपुरा में बीती रात एक खौफनाक वारदात ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। रात करीब 12 बजे जब मेहनतकश सहरिया आदिवासी अपने खेतों से लौटकर गहरी नींद में सो रहे थे, तभी अचानक पाँच नकाबपोश हथियारबंद बदमाश बस्ती में दाखिल हुए। उनके हाथों में बंदूकें चमक रही थीं और चेहरे कपड़ों से ढके हुए थे।
पहला निशाना दिनेश आदिवासी बना
बदमाशों ने दिनेश आदिवासी के दरवाजे पर दस्तक दी। जैसे ही दिनेश ने दरवाजा खोला, बदमाशों ने झपट्टा मारकर उसे जमीन पर पटक दिया और उसके कनपटी पर बंदूक तान दी। दिनेश का मोबाइल छीनने के बाद बदमाशों ने धमकाते हुए कहा — “हमें सीता आदिवासी के घर ले चल!” डर और जान के खौफ में दिनेश उनके साथ चल पड़ा।
घरों में घुसकर पुरुषों को कमरे में बंद किया, महिलाओं को पीटा
सीता आदिवासी के घर पहुंचकर बदमाशों ने सभी मर्दों — सीता, रामविलास, छोटू, अजब सिंह, दिनेश और दामाद रोहितांश को एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद सीता की पत्नी बैजन्ती बाई और बहू अनीता को खींचकर बाहर निकाला और जमीन पर पटककर बंदूक की बटों से बुरी तरह पीटा। चीख-पुकार सुनने वाला कोई नहीं था। घर का बक्सा पलटकर बदमाश 10 हजार रुपए नकद और जेवरात लूट कर चलते बने।
अगला शिकार दौलतराम आदिवासी
इसके बाद बदमाश दौलतराम आदिवासी के घर पहुंचे। दरवाजा खुलवाकर दौलतराम को भी कमरे में बंद किया और घर की महिलाओं को लात-घूंसों और डंडों से पीटा। वहां से भी जेवरात और नगदी लूट ली।
दरिंदगी की हद पार — महिला के साथ हैवानियत
बदमाशों की हैवानियत यहीं नहीं थमी। एक अन्य घर में घुसकर परिवार के मुखिया को कमरे में बंद कर दिया और अकेली मिली महिला को खाट पर पटककर उसके साथ जबरदस्ती की। इस घिनौनी वारदात ने पूरी बस्ती को दहशत से कांपने पर मजबूर कर दिया।
बदमाशों ने किए दो हवाई फायर
घटना के दौरान बदमाशों ने दो हवाई फायर भी किए। गोलियों की आवाज सुन पूरी बस्ती दहशत में आ गई। लोग घरों में दुबककर अपनी जान बचाने की जुगत में लग गए।
सुबह ग्रामीणों में मचा हाहाकार
सुबह होते ही घटना की खबर आग की तरह फैल गई। रिश्तेदारों और पड़ोसियों को जब पूरी रात की दहशत की जानकारी मिली तो सैकड़ों लोग रामपुरा बस्ती में जमा हो गए। रोते-बिलखते परिजन और लहूलुहान महिलाएं हालात बयां कर रही थीं।
सहरिया क्रांति संगठन ने दिया साथ
सहरिया क्रांति आंदोलन के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया। ग्रामीणों के साथ सभी लोग बैराड़ थाने पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस पहुंची मौके पर
थाना प्रभारी यादव दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की छानबीन की। हालांकि अब तक बदमाशों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। इस सनसनीखेज डकैती, लूट और दरिंदगी की घटना ने प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द अपराधी नहीं पकड़े गए तो सहरिया समाज के लोग आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।