विदिशा।स्वर्णकार कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में रविवार को गुरु नानक प्रबंधक कमेटी पंजाबी समाज द्वारा बैसाखी पर्व मनाया गया ।
बैसाखी के पावन अवसर पर गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में ज्ञानी मनजीत सिंह जी एवं गुरु नानक प्रबंधक कमेटी के प्रधान सेवक सुरेंद्र चावला के नेतृत्व में पूर्व आईएएस नरेश पाल कुमार का अभिनंदन डॉ. के. एल. कुमार एवं आज्ञा राम अरोडा द्वारा किया गया ।
नरेश पाल कुमार के बड़े भाई जसविंदर पाल द्वारा अखंड पाठ साहब का प्रारंभ एवं निशान साहब की सेवा कराई गई । अखंड पाठ साहब की सेवा उपरांत अटूट लंगर का आयोजन किया गया । नरेश पाल कुमार ने सभी के साथ लंगर छका एवं सेवा की जिसमें सभी सामाजिक भाई- बहनों का पूर्ण सहयोग रहा ।
गुरु नानक प्रबंधक कमेटी के प्रधान सेवक सुरेंद्र चावला ने बताया कि आज का दिन बैसाखी पर खालसा पंथ की स्थापना का दिन है । आज के दिन से पंजाब में फसल कटाई शुरू की जाती है इस उपलक्ष में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा धूमधाम से बैसाखी पर्व मनाया गया तथा जलियांवाला बाग घटना में शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की ।
खुशियों की नई शुरुआत का पर्व है बैसाखी
आईएएस नरेश पाल कुमार ने कहा कि बैसाखी खुशियों और नई शुरुआत का पर्व है। बैसाखी का दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है। बैसाखी आने तक रबी की फसल पक जाती है। ऐसे में किसान अपनी फसलों की कटाई की खुशी में बैसाखी मनाते हैं।
सूर्य देव की स्तुति का विशेष दिन
श्री पाल ने कहा कि बैसाखी सूर्यदेव की स्तुति का भी विशेष दिन माना जाता है क्योंकि जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं, तो बैसाखी का पर्व मनाया जाता है। बैसाखी को वैशाख संक्रांति नाम से भी जाना जाता है।
पुण्यकाल आज
ज्योतिष ज्ञाताओं की माने तो सूर्य 14 अप्रैल यानि सोमवार को मेष राशि में प्रवेश करेंगे और इस दिन स्नान-दान का आरंभ होगा यानी पुण्यकाल की तिथि 14 अप्रैल है। सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर स्नान-दान कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दान करने के लिए हर समय श्रेष्ठ होता है इसलिए वैशाख संक्रांति के आरम्भ पुण्यकाल दोनों ही समय पर दान-पुण्य कर सकते हैं ।
*बैसाखी, वैशाख संक्रांति या मेष संक्रांति का महत्व*
वैशाख संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा और दान का महत्व है। इसे नया साल मानते हैं। सूर्य देव को ग्रहों का राजा कहते हैं इसलिए उनके राशि बदलने का असर सब पर होता है। मेष संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में अच्छी ऊर्जा आती है। यह दिन किसानों के लिए खास है क्योंकि इस दिन फसल कटाई शुरू होती है। सूर्यदेव की स्तुति के साथ वैशाख संक्रांति पर भगवान शिव और देवी काली की पूजा भी की जाती है।