-शासन प्रशासन दोयम दर्जे का भेदभाव ना करे उच्च शिक्षा विद्वानों के साथ-महासंघ
भोपाल।सूबे के सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा करने वाले अतिथि विद्वानों में काफ़ी आक्रोश देखा जा रहा है।जैसा कि विदित हो कि मार्च माह का मानदेय आज़ दिनांक तक अतिथि विद्वानों को नहीं मिला औऱ अभी पोर्टल में बजट हीं शो नहीं कर रहा है साथ हीं बड़ी बात ये है कि कई कॉलेजों में कई महीनों का मानदेय अतिथि विद्वानों को नहीं मिला।इसी को लेकर अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अविनाश मिश्रा ने बताया कि नियमित कर्मचारियों का वेतन माह ख़त्म होने के पहले ही आ जाता हैं लेकिन अतिथि विद्वानों का मानदेय मजदूरी कभी भी समय से नहीं मिलती जबकि समस्त कार्य विद्वान हीं करते है आगे डॉ मिश्रा ने बताया कि बच्चों कि फीश, कमरे का किराया आदि देने के लिए भी पैसे नहीं आलम यह हैं कि अतिथि विद्वान त्यौहार मनाना हीं भूल गए ऐसी हालत है।
इनका कहना हे –
साशन प्रशासन को बड़े हीं गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ अतिथि विद्वानों कि समस्यायों का निराकरण करना चाहिए। फिक्स मासिक वेतन हो जाएं तो ये झंझट हीं ख़त्म हो जाए हमेशा के लिए औऱ मुख्यमंत्री ज़ी कि अधूरी घोषणा भी पूरी हो जाएगी।नेट सेट पीएचडी योग्यता धारी 26 वर्ष अनुभवी विद्वानों का ये हाल है जों काफ़ी निराशा जनक है सरकारों के लिए।
-डॉ आशीष पाण्डेय मिडिया प्रभारी महासंघ