अनुराग शर्मा सीहोर
रंगों के पांच दिवसीय पर्व होली में मप्र के अनेक शहरों में चल समारोह निकाला जाता है। यह चल समारोह होली के पहले दिन या अंतिम दिन रंगपचंमी के अवसर पर निकाला जाता है, लेकिन पूरे मध्यप्रदेश में सीहोर शहर ही एकमात्र ऐसा शहर है, जहां होली के दूसरे दिन भव्यता के साथ चल समारोह निकाले जाने की परम्परा शुरू हो गई है। इस परम्परा की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा अब से 4-5 साल पहले शुरू की है।
परम्परानुसार होली के दूसरे दिन आज (शनिवार) को मुख्यालय पर महादेव की होली अंतर्गत भव्य चल समारोह निकाला गया। चल समारोह में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भी सम्मिलित रहे। चल समारोह में शामिल होने के लिए देश के अनेक राज्यों से श्रद्धालु सीहोर आए और महादेव की होली का जमकर आनंद लिया। महादेव की होली चल समारोह कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने चमत्कारेश्वर मंदिर पर जल चढ़ाने के साथ शुरू हुआ, इसके बाद चल समारोह के शहर के विभिन्न मार्गों से निकला।
आदिवासी कलाकारों ने बांधा समां
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महादेव की होली चल समारोह में कलाकारों ने समां बांध। चल समारोह में सबसे आगे आदिवासी कलाकार लोक नृत्य करते हुए चल रहे थे। जबकि महादेव की होली चल समारोह में गजराज (हाथी) भी शामिल रहे। चल समारोह के दौरान जमकर अबीर गुलाल उड़ा।