देवेन्द्र तिवारी सांंची,रायसेन
वैसे तो सरकारी राशि से करोड़ों रुपये के विकास अंतर्गत नवनिर्मित भवन विकास की तर्ज पर करोड़ों रुपए की राशि से हो रहे है परन्तु सम्बन्धितो के लापरवाही के चलते कुछ भवन जर्जर हालत में पहुंचने लगे हैं तथा अपने आवंटित होने की बाट जोह रहे हैं तब इन नवनिर्वित भवनों को असामाजिक तत्वों ने तोड फोड कर शराब कवाब के अड्डे बना डाले ।प्रशासन बेखबर है।
जानकारी के अनुसार इस ऐतिहासिक स्थल पर विकास की तर्ज पर नवनिर्मित भवनों पर करोड़ों रुपये की राशि सरकारी खर्च कर दी गई है परन्तु जिनके लिए तैयार की गई उनके हाथों में पहुंचने से पहले ही अपनी जर्जरता का बखान करने लगी है इतना ही नहीं यह शराब कवाब का अड्डा बनकर रह गई ।ऐसा ही एक भवन जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है नगर का शासकीय कन्या उच्चतर विद्यालय है इस विद्यालय में कन्या शिक्षा ग्रहण करती हैं इन कन्याओं को बेहतर विद्यालय भवन लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से तैयार कराया गया था तथा इस नवनिर्मित भवन को तैयार हुए लगभग दो साल से अधिक का समय बीत गया परन्तु जबसे यह भवन निर्माण किया गया तबसे अबतक इसकी सुध न तो निर्माण कराने वाले विभाग ने ली न ही जिस विभाग के लिए आवंटित किया जाना थी उसके हाथों ही सौपी गई ।जबकि इस भवन का निर्माण शिक्षा के मंदिर के रूप में कराया गया था दो साल से भी अधिक का समय गुजरने के बाद भी इस भवन का न तो लोकार्पण ही हो सका न ही इसे विद्यालय प्रशासन कै ही सौंपा जा सका जिससे इस भवन में बैठकर कन्याओं को शिक्षा मिल सके । सूत्रों का कहना है कि इस भवन का लोनिवि द्वारा शिक्षा विभाग को कागजों में स्थानांतरित तो कर दिया गया परन्तु जमीनी हकीकत यह बताई जाती हैं कि इस भवन को न तो शिक्षा विभाग न ही विद्यालय प्रशासन को सौंपा जा सके जिससे विद्यालय प्रशासन अपने आधिपत्य मे लेकर अपने उपयोग में ले सके बताया जाता है कि लावरिस इस भवन मे रात होते ही शराब के प्याले खनकने लगते है तथा असामाजिक तत्वों का जमघट लग जाता है तथा वेश्यावृत्ति जैसे घिनौने कृत्य शुरू हो जाते है जिससे शिक्षा के मंदिर की छवि धूमिल हो उठती है इसके साथ ही इस नवीन भवन के दरवाजे खिडकियों की तक तोड फोड की जा चुकी हैं अनेक बार विद्यालय प्रशासन को ही इस भवन में ताले डालने पडते हैं वावजूद इसके ताले तोड दिये जाते है इस मामले में विद्यालय प्रशासन द्वारा पुलिस मैं भी आवेदन दिये जा चुके ।इतना ही नहीं इसके समीप ही पुराने विद्यालय भवन के चारों ओर वाउन्ड्री वाल होने के बाद भी असामाजिक तत्व वाउन्ड्री वाल लांघ कर अंदर प्रवेश कर जाते है तथा अनेतिक गतिविधियों को अंजाम देने से नही चूकते ।जिससे इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली कन्या एवं शिक्षा प्रदान करने वाली शिक्षिकाओं को खासी परेशानी उठानी पड़ती है इस कन्या उच्चतर विद्यालय भवन को असामाजिक तत्वों ने अपने कुकर्म का अड्डा बना डाला है ।हालांकि अनेक बार इस गतिविधि को पुलिस प्रशासन के संज्ञान में लाया जा चुका है परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हो सकी ।इस मामले में विद्यालय प्राचार्य संजय अग्रवाल का कहना है कि यह भवन हमें स्थानांतरित नहीं किया गया है फिर भी हम इस भवन की देखभाल करते हैं सेन पडे इस भवन मे असामाजिक तत्व दरवाजे खिडकियों की तोड फोड तक कर डालते हैं ।इस मामले में अतिरिक्त तहसीलदार नियति साहू ने कहा कि हम दिखवाते हैं तथा स्कूल प्रशासन एवं निर्माण कराने वाले विभाग से चर्चा कर शीध्र भवन को स्थानांतरित करने की कार्यवाही करेंगे।