मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
ग्राम पंचायत अंबाडी में सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन शुरू हो गया। आयोजन में सबसे पहले कलश यात्रा के साथ हुआ। गाजे-बाजे के बीच निकली 51 कलश यात्रा में भक्ति का माहौल बना रहा। हर तरफ वातावरण में जयकारे की गूंज सुनाई पड़ रही थी।सुबह के समय धूमधाम से कलश यात्रा निकाली गई। भक्ति गीतों के बीच आगे-आगे शोभा यात्रा में शामिल लोग, पीछे कलश लिए छोटी-छोटी कन्या महिलाएं चल रही थीं। कार्यक्रम की तैयारी सुबह से शुरू हुई गई थी। गांव की महिलाओं ने अपने घर के सामने आंगन को गोबर से लिपकर डीके लगाकर तैयार कर लिए थे।
अंबाडी के ग्राम वासियों ने कलश यात्रा पर फूलों की वर्षा की। यात्रा श्री राम जानकी मंदिर रामनगर से प्रारंभ होते हुए गणेश मंदिर ,अयोध्या धाम मंदिर, शिव मंदिर से होते हुए पुनः स्थल पहुंची। जहां पर आरती की गई। इसके पश्चात प्रवचनों में कथा वाचक पंडित राजीव माधवाचार्य जी महाराज द्वारा बताया गया कि ज्ञान और वैराग्य तो भक्ति के पुत्र हैं । भक्ति के आने पर ज्ञान और वैराग्य स्वत: आ जाते हैं, ज्ञान निष्ठा से ही वैराग्य होता है जब हम संसार का सत्य जान लेते हैं जब हमें सत्य और असत्य का ज्ञान हो जाता है तब हमें मिथ्या वस्तुओं से वैराग्य हो जाता है और सत्य में प्रीती हो जाती है, यही ज्ञान और वैराग्य हमें उच्च स्तर का अधिकारी बनाता है जिस पर हम तब ही पहुंच सकते हैं जब हम ब्रह्म ज्ञान में स्थिर रहें। मन चंचल होता है यह डांवाडोल हो सकता है इसीलिए केवल शाब्दिक ज्ञान पर्याप्त नहीं पहले भगवान की भक्ति फिर भगवान पर विश्वास और भक्ति में होने वाले अनुभव के कारण होने वाली ज्ञान निष्ठा और वैराग्य यह सब धीरे धीरे एक-एक करके भक्तों में खुद ब खुद आता चला जाता है । इसीलिए इन्हें आपस में तुलना करने से अच्छा है कि भक्ति का मार्ग पकड़ लिया जाए क्योंकि ज्ञान के मार्ग में अक्सर लोग गिर जाते हैं क्योंकि बिना गुरु के केवल अपनी बुद्धि में क्या ज्ञान है और क्या अज्ञान यह सोच लेने से सत वस्तु का ज्ञान नहीं होता।