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हरियाणा सरकार के एक निर्णय ने जगाई अतिथि विद्वानों की आस

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-सैनी सरकार ने अतिथि विद्वानों को किया नियमित,अब बारी मोहन सरकार की

भोपाल।हरियाणा भाजपा सरकार के एक निर्णय ने प्रदेश में खलबली मचा दी है।जैसा कि विदित हो कि वकायदा प्रस्ताव कैबिनेट से पारित करते हुए जो उच्च शिक्षा विभाग में पिछले पांच वर्षों से काम कर रहे थे रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वान उनको अनुभव एवं योग्यता के अनुसार उन्ही पदों में स्थाई नियुक्ति दी जाएगी।प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये वादा हरियाणा भाजपा ने चुनाव से पहले किया था जैसे ही सरकार बनी उसका इम्प्लीमेंटेसन शुरू हो गया है।इसी निर्णय को लेकर मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वानों ने मोहन सरकार से अपना वादा पूरा करने के लिए मुहिम छेड़ दी है।

हरियाणा सरकार की तरह ही ऐतिहासिक निर्णय लें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव
अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने बकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मध्य प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि जैसे हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है अतिथि विद्वानों के लिए ऐसे ही निर्णय डॉ मोहन यादव जी एवं विभगीय मंत्री इंदर सिंह परमार जी को लेना चाहिए।डॉ पांडेय ने बताया कि 57700 फ़िक्स मासिक वेतन यूजीसी के नियमानुसार एवं जो लंबे समय से कार्य कर रहे थे उन अतिथि विद्वानों को उन्ही रिक्त पदों में हरियाणा सरकार ने स्थाई/समायोजित कर दिया है।

शिवराज एवं मोहन भी कर चुके हैं महापंचायत में घोषणा,की विद्वान नहीं होंगे बाहर
विधानसभा चुनाव 2023 के ठीक पहले 11 सितंबर को मुख्यमंत्री निवास पर हुई ऐतिहासिक महापंचायत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उस समय के विभाग प्रमुख उच्च शिक्षा मंत्री पूरे उच्च शिक्षा विभाग के महकमें के साथ घोषणा किये थे कि लंबे समय से काम कर रहे रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों को बाहर नही किया जाएगा* लेकिन आज तक इस लाइन इस घोषणा को पूरा नही किया गया।विभगीय आदेश जारी होते ही अतिथि विद्वानों की हवाइयां उड़ने लगी।कि इतना बड़ा झूठे वादे कैसे करते हैं इतने बड़े नेता।अब हरियाणा सरकार के निर्णय से विद्वानों ने मांग तेज कर दी है।
सोशल मीडिया(इंस्ट्राग्राम,फ़ेसबुक,ट्विटर)पर चला रहे हैं विद्वान मुहिम
वहीं अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अविनाश मिश्रा एवं सचिव डॉ दुर्गेश लसगरिया ने बताया कि पूरे प्रदेश के अतिथि विद्वानों को संघ ने अल्टीमेटम जारी कर दिया है गूगल मीट करके मीटिंग करके की प्रदेश सरकार से अनुरोध करें लगातार की अब समय आ गया है कि रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से कार्य करने वाले अतिथि विद्वानो को स्थाई/नियमित/समायोजन करें एवं फिक्स मासिक वेतन दें जो घोषणा हो चुकी थी।
इनका कहना हे –
माननीय मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री,विभगीय मंत्री एवं शीर्ष अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ अतिथि विद्वानो के हित मे निर्णय लेना चाहिए।फ़िक्स मासिक वेतन एवं स्थाई/नियमित/समायोजन करना चाहिए जिन रिक्त पदों में विद्वान काम करते आ रहे हैं वर्षों से।हरियाणा सरकार का निर्णय काबिले तारीफ़ है,मध्य प्रदेश सरकार भी क़दम उठाए।
डॉ देवराज सिंह,प्रदेश अध्यक्ष महासंघ

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