-छात्रावास के पीछे लगता था गंदगी का ढेर, अब बदल रहे सूरत, स्वच्छता का भी दिया संदेश
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
इच्छा शक्ति से तस्वीर बदली जा सकती है और हम यदि ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है। स्वच्छता और पर्यावरण जीवन के वो अनिवार्य और आवश्यक अंग हैं जिनके बिना हमारा अस्तित्व संभव नहीं है, यह बात मंगलवार की सुबह शहर के माधवचौक स्थित बालिका छात्रावास में निवासरत आधा सैंकड़ा बालिकाओं को संबोधित करते हुए डीपीसी दफेदार सिंह ने कही। दरअसल छात्रावास के पिछले हिस्से में पुराने बीईओ कार्यालय के आगे बड़ा भाग अस्तव्यस्त व देखरेख के अभाव में गंदगी से पटा हुआ था। पिछले दिनों डीपीसी ने निरीक्षण के दौरान इस स्थान को देखा तो सभी के सहयोग से इसे सुव्यवस्थित करने की पहल की जिसके बाद जमीन के समतलीकरण के साथ-साथ इस हिस्से को चार दीवारी से सुरक्षित किया गया और पौधे रोपे गये। अब इसे एक फुलवारी की सूरत देने की कवायद शुरू हो गई है। मंगलवार की सुबह खुद डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार, एपीसी हरीश शर्मा व अतरसिंह राजौरिया के साथ छात्रावास पहुंचे और यहां बालिकाओं के साथ तसले पावड़े उठाकर यहां श्रमदान में जुट गए। इस दौरान वहां छात्रावास की अधीक्षिका रेखा पाल, सहायक वार्डन आशा दुबे, बीएसी सुनील राठौर, अरविंद वर्मा, राजेश खत्री, विभाग के मीडिया प्रभारी नीरज सरैया आदि भी मौजूद रहे।
दिलाई शपथ, बांटीं जिम्मेदारी
श्रमदान के बाद डीपीसी व अधिकारियों ने मौजूद बालिकाओं को स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई। डीपीसी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की 10 वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितम्बर से विशेष स्वच्छता अभियान भी शुरू किया गया है और इस अभियान की थीम स्वभाव, स्वच्छता, संस्कार पर केन्द्रित है। आप सभी भी स्वयं के शरीर से लेकर परिसर की स्वच्छता का ध्यान रखें। स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण सुधार का भी मिलजुलकर प्रयास करें तो जरूर तस्वीर बदल जाएगी। इस दौरान परिसर में रोपे गए पौधे और बनाई जा रही फुलवारी को लेकर छात्रावास की बालिकाओं को अलग-अलग समूह बनाकर जिम्मेदारी भी सौंपी।