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अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावास की बालिका हुई गायब,अधीक्षिका का नहीं है छात्रावास पर ध्यान

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छात्रावास की सुरक्षा सवालों के घेरे में

अभिषेक असाटी बक्सवाहा

शासन द्वारा शिक्षा का स्तर सुधारने भरपूर प्रयास किया जा रहे हैं वही ग्रामीण क्षेत्रो से आने वाले छात्रों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में छात्रावासो को संचालित किया जा रहा हैं साथ ही शासन द्वारा छात्रावासो में विभिन्न सुविधाएं और सुरक्षा देने का दावा किया जा रहा है जिसके चलते अभिभावक बेफिक्र होकर अपने बच्चो का छात्रावासो में दाखिला करवा रहे है पर छात्रावास अधीक्षकों की मनमानी और लापरवाह रवैया छात्र छात्राओं की शिक्षा और सुरक्षा दोनो पर भारी पड़ रहा है।
ताजा मामला बक्सवाहा में संचालित अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावास से है जहा मंगलवार की सुबह छात्रावास में रहने वाली एक बालिका छात्रावास से गायब हो गई जिसकी जानकारी स्वयं अधीक्षिका को भी नहीं थी जब शाम के समय बालिका छात्रावास में नहीं दिखाई तो इसकी जानकारी उनके माता-पिता को दी गई माता-पिता के आने के बाद इसकी सूचना बक्सवाहा थाने में दी गई तीन दिन बीत जाने के बाद जब अधीक्षका सुषमा सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बच्ची का रिश्तेदारी में जाना बताया लेकिन सोचने वाली बात यह है कि छात्रावास में रहने वाली बच्चियों की देखरेख का जुम्मा अधीक्षका का है तो फिर वह बच्ची छात्रावास से कैसे भाग गई।
जानकारी के अनुसार अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावास की अधीक्षिका सुषमा सिंह को तीन छात्रावासो का प्रभार दिया गया है जिस कारण से अधीक्षिका छात्रावासो की सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में असमर्थ नजर आरही है लोगो की माने तो रात्रि के समय अधीक्षिका किसी भी छात्रावास में ना रुककर अपने घर पर आराम फरमाती है।
*पहले भी बालिका बेहोशी की हालत में मिली थी*
यहां आपको बता दें कि अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावास में कुछ दिनों पहले एक बालिका बेहोशी की हालत में एक्सीलेंस स्कूल के पास मिली थी इसकी जानकारी अधीक्षक का सुषमा सिंह को नहीं थी जब इसकी जानकारी अधीक्षिका को लगी तो उन्होंने आनन फानन में उस बालिका को अस्पताल ले जाकर उसका इलाज कराया। अधीक्षक का मुख्यालय पर ना रहना सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है अब देखना होगा इस पर उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।
सोचने वाली बात यह है कि आखिर क्यों बालिका को छात्रावास छोड़कर भागना पड़ा यह एक सोचने का विषय है।
इनका कहना है

मंगलवार के दिन अधीक्षक द्वारा एक आवेदन दिया गया था जिसमें बालिका गायब होने का हवाला दिया गया था जब बालिका की तलाश की गई तो वह अपने रिश्तेदार के यहां पाई गई है जिसकी सूचना उनके माता-पिता को दी गई।
कृपाल सिंह मार्को थाना प्रभारी बक्सवाहा

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