पेंशन फंड नियामक और डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी PFRDA ने नेशनल पेंशन सिस्टम के ग्राहकों के लिए एक बड़े बदलाव की घोषणा की है, जिससे निपटान प्रक्रिया आसान हो जाएगी. अब PFRDA ने NPS सब्सक्राइबर्स को सेम डे सेटलमेंट की सुविधा प्रदान की है. इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यदि सब्सक्राइबर किसी भी दिन सुबह 11 बजे तक निवेश करता है, तो वह उसी दिन पैसा इंवेस्ट हो जाएगा और उसी दिन की नेट एसेट वैल्यू (NAV) का लाभ प्राप्त करेगा.
यह नई सिस्टम 1 जुलाई से लागू हो जाएगी. इससे पहले ट्रस्टी बैंक द्वारा प्राप्त योगदान अगले दिन (T+1) पर निवेश किए जाते थे, यानी आज प्राप्त अंशदान का निवेश अगले दिन किया जाता था. PFRDA ने प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस और नोडल कार्यालयों को सलाह दी है कि वे ग्राहकों को तुरंत लाभ सुनिश्चित करने के लिए इन नई समय-सीमाओं का पालन करें.
ये है नियम
पेंशन फंड नियामक और डेवलपमेंट अथॉरिटी का यह कदम NPS को म्यूचुअल फंड की बराबरी की ओर ले जाने वाला है. इससे NPS अकाउंट होल्डर को उसी दिन की NAV का लाभ मिलेगा, जो उनके पैसे को बढ़ाने में सहायक होगा. म्यूचुअल फंड में तीन बजे तक किए गए निवेश पर उसी दिन की NAV का लाभ मिलता है. जिस दिन बाजार गिरता है, उस दिन लोग आमतौर पर ज्यादा यूनिट्स के लिए निवेश करना चाहते हैं. NPS में भी सेम डे सेटलमेंट लागू होने से यह निवेश विकल्प भी आकर्षक हो जाएगा. PFRDA का यह बदलाव सुनिश्चित करेगा कि ट्रस्टी बैंक सुबह 11 बजे तक प्राप्त NPS योगदान उसी दिन इन्वेस्ट करें.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के निकासी नियमों में बदलाव कर दिया है. इस संशोधन के बाद 6 महीने से कम अंशदायी सेवा वाले कर्मचारी भी EPS खाते से पैसे निकाल पाएंगे. देश में लाखों ऐसे EPS 95 स्कीम के मेंबर हैं जो पेंशन पाने के लिए 10 वर्षों तक लगातार स्कीम में योगदान करने के नियम के बावजूद बीच में ही स्कीम से बाहर आ जाते हैं. अभी तक 6 महीने या उससे अधिक समय तक योगदान करने वाले सदस्य ही इस विड्रॉल बेनेफिट का लाभ ले सकते थे. ऐसे में जो सदस्य छह महीने से कम समय तक योगदान करने के बाद स्कीम छोड़ देते हैं, उन्हें कोई विड्रॉल बेनिफिट नहीं मिलता था.