–कथा व्यास जया किशोरी ने सुनाए बाल लीलाओं के प्रसंग
– दशहरा मैदान पर 1 से 7 मई के बीच आयोजित हो रही है संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा
सी एल गौर
रायसेन।औधोगिक शहर मण्डीदीप के दशहरा मैदान पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास अन्तराष्ट्रीय आध्यात्मिक एवं प्रेरक वक्ता जया किशोरी ने अपने मुखारबिंद से भगवान श्रीकृष्ण प्रभु की बाल लीला, रास लीला का वर्णन कथा
प्रसंग के माध्यम से श्रद्धालुगणों को सुनाया गया। कथा व्यास ने भगवान के हर अवतार का वर्णन कथा प्रसंग में किया और बताया कि जब-जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है, दुष्टों का अत्याचार बढ़ा है तो भगवान अवतरित होकर उस संकट को दूर करते हैं। भगवान शिव और भवगान विष्णु ने कई बार पृथ्वी पर अवतार लिए हैं। भक्तों की पुकार पर दैत्य दानवों के संहार के लिए भगवान स्वयं धरती पर प्रकट हुए और दुष्टों का हर युग में संहार किया है।
कथा व्यास किशोरी जी ने भगवान श्री राम के जन्मोत्सव सहित वामन अवतार की कथा का प्रसंग सुनाया।
धूमधाम से मना श्री कृष्ण जन्मोत्सव- कथा प्रसंग में आगे बताया कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने अवतार लिया है। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि देवकी और वासुदेव के विवाह पश्चात ही विदाई के समय ही कंस को आकाशवाणी हो गई थी कि देवकी का आठवां पुत्र ही कंस का वध करेगा। इसके बाद से कंस ने कई प्रयास किए, ताकि आठवें बच्चे को धरती पर ही न आने दिया जाए। लेकिन भगवान विष्णु ने ही कंस के वध के लिए श्री कृष्ण का अवतार धारण किया था। उन्होंने बताया कि मथुरा के राजा कंस भगवान श्रीकृष्ण को अपना काल समझते थे। उनको बाल रूप में ही मरवाने के लिए राक्षसों को द्वारका में भेजा। परंतु, उसकी सारी योजनाएं विफल रही। श्री कृष्ण एक ऐसे अवतार हैं जिनसे प्रेम करने वाले हर घर में मौजूद हैं। द्वापर युग में भगवान ने कंसादि दुष्टों का संहार किया और महाभारत के युद्ध में गीता का उपदेश दिया। श्रीमद् भागवत में भगवान कृष्ण कन्हैया का जन्मोत्सव बडे़ आनंद तथा हर्षाेल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया गया। ’भगवान
कृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का किरदार निभाया एवं सैकड़ों नागरिकों का मन मोह लिया। सभी ने कृष्ण जन्म का आनंद लिया। वहीं, किशोरी जी के भजनों पर नृत्य करते हुए पुष्प वर्षा कर मिठाईयां बांटी गई।