रामभरोस विश्वकर्मा, मंडीदीप रायसेन
सामान्य वन मंडल ओबेदुल्लागंज के अंतर्गत आने वाली रेंज चिकलोद के जंगलों में कीमती सागोन की कटाई के मामले इन दिनों सुर्खिया बटोर रहे है।सड़क किनारे यह हाल है।तो फिर भीतरी जगलो में क्या हाल होगा इसकी बानगी सागोन के पेड़ो की कटाई से लगाया जा सकता है।वनों की सुरक्षा में तैनात वन कर्मियों की लापरवाही साफ साफ दिखाई नजर आती है।कही न कही इतनी कीमती सागोन की कटाई इतने आसान तरीके से की जा रही है।यह सोचने योग्य है।वन माफिया कितना सक्रिय है।की खुलेआम सड़क के किनारे पर ही सागोन की कीमती लकड़ी की कटाई कर देता है।ओर वन विभाग को खबर तक नहीं लगती है।इससे वन विभाग के वनों की सुरक्षा के दाबो की पोल खुलती दिखाई नजर आती है।
वनों की सुरक्षा के सरकार के दावों पर फिर रहा पानी
आपको बता दे की जब कीमती सागोन सड़क किनारे खुलेआम कट रहा है।ओर सरकार वनों की सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करती दिखाई नजर आ रही है।वही इसकी खुलेआम धज्जियां चिकलोद रेंज में उड़ती दिखाई नजर आ रही है।की वनों की सुरक्षा नही कर पा रहे। वन कर्मी और वनों से कीमती सागोन खुलेआम काटी जा रही है।जिससे वन अमले की भूमिका संदेह के घेरे में दिखाई नजर आ रही है। जानकारो की माने तो सागोन की कटाई के लिए पहले पेड़ो में कुल्हाड़ी से कट के निशान लगाए जाते है।इसके बाद मोका मिलते ही कीमती सागोन की कटाई कर दी जाती है।ऐसा नहीं है।की एक या दो पेड़ो में कट लगाए गए है।दर्जनों पेड़ो में कटाई के लिए कट लगा दिए गए है।
वन माफिया चिकलोद रेंज में सक्रिय वन अमला रोकने में नाकाम
जिस प्रकार कीमती सागोन की कटाई के मामले दिन व दिन सामने आ रहे है।उससे प्रतीत होता है।की वन विभाग का खुफिया तंत्र फेल होता दिखाई नजर आ रहा है।ओर वन माफिया वन विभाग पर हावी होता दिखाई नजर आ रहा है।
डिप्टी रेंजर एम के मालवीय से जब कटाई की जानकारी को लेकर फोन लगाया तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।
इनका कहना है
आपके द्वारा चिकलोद रेंज के जंगलों में कटाई की जानकारी दी है में वन कर्मियों को भेजकर जांच करवाता हु
हेमंत रैकवार डीएफओ ओबेदुल्लागंज