Let’s travel together.
nagar parisad bareli

रायबरेली में राहुल तोड़ पाएंगे मां सोनिया गांधी का रिकॉर्ड? चुनाव-दर-चुनाव ऐसे मजबूत होती गई BJP

0 18

लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा मौसम की तरह काफी हाई है और पांचवें चरण में सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश में हाई प्रोफाइल रायबरेली सीट पर लगी हैं. रायबरेली सीट से राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह और बसपा के ठाकुर प्रसाद यादव से है. गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाली रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी अजेय रही हैं, लेकिन कांग्रेस का वोट प्रतिशत चुनाव दर चुनाव कम हुआ है. बीजेपी ने रायबरेली में जिस तरह से तेजी से अपने पैर पसारे हैं, ऐसे में राहुल गांधी क्या रायबरेली में अपनी मां सोनिया गांधी के जीत के रिकॉर्ड को तोड़ पाएंगे?

रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार का परंपरागत गढ़ माना जाता है. प्रियंका गांधी से लेकर राहुल गांधी तक रायबरेली के साथ गांधी परिवार का 103 साल पुराना सियासी नाता बता रहे हैं. आजादी के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हुए तो रायबरेली से इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी चुनाव लड़े और जीतकर सांसद बने थे, उसके बाद से इंदिरा गांधी ने अपनी कर्मभूमि बनाई. 1967 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी ने यहां से जीत हासिल की. इसके बाद 1971 के चुनावों में भी इंदिरा गांधी यहां से जीतीं, लेकिन 1977 में हार गईं. हालांकि, 1980 में फिर से जीतने में कामयाब रहीं, लेकिन उन्होंने सीट छोड़ दी. 2004 में 44 साल के बाद सोनिया गांधी ने रायबरेली को अपना राजनीतिक क्षेत्र बनाया और अब राहुल गांधी को सौंप दिया है.

रायबरेली वो लोकसभा सीट है, जहां 72 साल के सियासी इतिहास में 66 साल कांग्रेस के सांसद रहे हैं. अब तक हुए 20 चुनाव में 17 बार कांग्रेस को जीत मिली है. 72 साल में गांधी परिवार से चार लोग सांसद का चुनाव लड़े. 20 साल तक रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व सोनिया गांधी ने किया और जब राज्यसभा सदस्य चुनी गईं तो उन्होंने रायबरेली वासियों को एक पत्र लिखा कि ये परिवार दिल्ली में अधूरा है, जो रायबरेली आकर पूरा होता है. अब इस रायबरेली सीट का जिम्मा राहुल गांधी को सौंप दिया है. गांधी परिवार अपने आपके साथ रायबरेली को चट्टान की तरह जुड़ा हुआ मानता है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने अपने पैर पसारे हैं, उसके चलते 2024 में रायबरेली में राहुल गांधी के लिए अपनी मां सोनिया के रिकॉर्ड तोड़ना आसान नहीं है.

सोनिया गांधी और बीजेपी को कब-कितने मिले वोट?

सोनिया गांधी ने राजनीतिक में कदम रखा तो उन्होंने अमेठी को अपनी कर्मभूमि बनाया, लेकिन राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद अमेठी सीट छोड़ दी. 2004 में सोनिया गांधी रायबरेली सीट से मैदान में उतरी थीं. सोनिया ने 58.75 फीसदी के साथ 378107 वोट हासिल किए थे और 249765 वोटों से जीती थीं. 2006 में हुए उपचुनाव में सोनिया गांधी ने 80.49 फीसदी के साथ 474891 वोट हासिल किए थे और 417888 वोटों के जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2009 के चुनाव में सोनिया गांधी ने 72.23 फीसदी के साथ 481490 वोट हासिल किए थे. सोनिया यह चुनाव 372165 वोटों से जीती थीं.

मोदी लहर में बीजेपी दिग्गजों के दुर्ग में अपनी जड़ें जमाने में कामयाब रही, लेकिन रायबरेली में कमल नहीं खिल सकी. सोनिया गांधी का वर्चस्व रायबरेली में बना रहा. 2014 में सोनिया गांधी ने 526434 वोटों के साथ 63.80 फीसदी मत प्राप्त किए थे और 352713 वोटों के जीतने में कामयाब रही थीं. इसके बाद 2019 के चुनाव में सोनिया गांधी ने 55.80 फीसदी वोटों के साथ 534918 मत हासिल किए. बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह ने 38.36 फीसदी के साथ 367740 वोटों प्राप्त किए थे. सोनिया गांधी यह चुनाव 167178 वोटों से जीत सकी थीं.

बीजेपी 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट पर दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी पिछले दो लोकसभा चुनाव में रायबरेली में कांग्रेस को कांटे की टक्कर देने में सफल रही थी. 2019 में सोनिया गांधी को 55.78 फीसदी वोट मिले और बीजेपी को 38.35 फीसदी वोट मिले. कांग्रेस को (-8.02%) का नुकसान हुआ और बीजेपी को (+17.3%) का फायदा. जीत हार का अंतर घटकर 17.43 फीसदी रह गया. रायबरेली सीट पर पिछली बार बीजेपी 17.43 फीसदी वोट के अंतर से हारी है और लगातार दो चुनाव में 17% से ज्यादा वोट बढ़ाती आ रही है. इस तरह राहुल गांधी के लिए रायबरेली सीट पर कांग्रेस के कमजोर होते और बीजेपी के बढ़ते सियासी ग्राफ को रोकने की चुनौती है.

रायबरेली का समीकरण समझिए

2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने कांग्रेस से उसके रायबरेली और अमेठी के किलों पर फतह हासिल करने की कोशिश की. बीजेपी को अमेठी में तो कामयाबी मिली, लेकिन रायबरेली का किला फतह नहीं कर सकी. सोनिया गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच कड़ा मुकाबला हुआ. बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में फिर से उतारा है, जिनका मुकाबला इस बार सोनिया के बजाय राहुल गांधी से है. पिछली बार राहुल अमेठी हार गए थे, जिसके चलते इस बार रायबरेली में कांग्रेस पूरा दमखम लगा रही है. ऐसे में राहुल गांधी के सामने रायबरेली में बीजेपी के बढ़ते सियासी ग्राफ के साथ-साथ जीत दर्ज करने की चुनौती है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.

तलवार सहित माइकल मसीह नामक आरोपी गिरफ्तार     |     किराना दुकान की दीवार तोड़कर ढाई लाख का सामान ले उड़े चोर     |     गला रेतकर युवक की हत्या, ग़ैरतगंज सिलवानी मार्ग पर भंवरगढ़ तिराहे की घटना     |     गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों से गूंज उठा नगर     |     नूरगंज पुलिस की बड़ी करवाई,10 मोटरसाइकिल सहित 13 जुआरियों को किया गिरफ्तार     |     सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एसडीओपी शीला सुराणा ने संभाला मोर्चा     |     सरसी आइलैंड रिजॉर्ट (ब्यौहारी) में सुविधाओं को विस्तारित किया जाए- उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल     |     8 सितम्बर को ‘‘ब्रह्मरत्न’’ सम्मान पर विशेष राजेन्द्र शुक्ल: विंध्य के कायांतरण के पटकथाकार-डॉ. चन्द्रिका प्रसाद चंन्द्र     |     कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के छात्र कृषि विज्ञान केंद्र पर रहकर सीखेंगे खेती किसानी के गुण     |     अवैध रूप से शराब बिक्री करने वाला आरोपी कुणाल गिरफ्तार     |    

Don`t copy text!
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9425036811