सांची रायसेन से देवेंद्र तिवारी
नरवाई की आग से बेफिक्र होकर प्रशासन के आदेश को ठेंगा दिखाकर इन दिनों लगातार खेतों में खड़ी नरवाई जलाने का दस्तूर जारी है जिससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निकांड का खतरा बढ़ जाता है बल्कि खेतों में खड़ी हरियाली भी नष्ट होने से वातावरण तो दूषित हो ही जाता है बल्कि नगर के घरों पर कालिख भी छा जाती है ।
जानकारी के अनुसार इन दिनों किसानों की उपज मंडियों व सोसायटी में विक्रय हेतु पहुंच चुकी है तथा खेतों में खड़ी नरवाई ही बची है इस नरवाई को साफ करने अक्सर किसान आग लगाकर खेतों को साफ करते हैं परन्तु इस आग से सफाई कम किसानों की भूमि की उपजाऊ गुणवत्ता का अधिक नुक्सान होता है इससे किसान अनजान रहता है इतना ही नहीं इस नरवाई की आग जब बेकाबू होकर बैल जाती है तथा आसपास गांव में दाखिल होती है तब बहुत बड़ा नुक्सान लोगों को उठाना पड़ता है तब आग पर काबू पाने प्रशासन को भी मुश्किल का सामना करना पड़ता है साथ ही खेतों में खड़ी हरियाली तो प्रभावित होती ही है साथ में खेतो में खड़े हरेभरे पेड़ों को भी नुकसान उठाना पड़ता है इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने प्रशासन चौकन्ना रहता है तथा जिला प्रशासन इस आग पर प्रतिबंध लगाने यथासंभव प्रयास करता है किसानों को समझाइश देने के साथ ही नरवाई जलाने पर रोक लगाने कड़े कदम उठाने के साथ आग लगाने पर प्रतिबंध लगा देता है तथा ऐसे मामलों में कडी कार्रवाई के आदेश भी जारी कर देता है परन्तु किसान इन सब से बेफिक्र होकर शाम ढलते ही खेतों में आग लगाने का सिलसिला जारी हो जाता है जिससे रात में धुंए के गुबार उठने के साथ ही नगर से भी लाली उठती साफ दिखाई देने लगती है इसी के साथ इस ऐतिहासिक नगरी के घरों पर भी कालिख हवा के साथ आकर जम जाती है । इतना सब होते हुए भी इसढाई हजार वर्ष प्राचीन ऐतिहासिक स्मारकों पर भी कालिख की परत जमने का खतरा खड़ा हो जाता है ऐसा भी नहीं है कि इस नरवाई की आग से स्थानीय प्रशासन नावाकिफ हो परन्तु जिलाप्रशासन के आदेश को भी स्थानीय प्रशासन क्रियान्वयन करने से बचता नजर आता है जिससे बेफिक्र होकर किसान नरवाई जलाने में कामयाब रहते हैं एवं जिला प्रशासन के आदेश को धता दिखाकर आग लगाने में मश्गूल रहते हैं ।