कोर्ट ने मप्र के तीन विधायकों से कहा- अनियमितता के आरोप हैं, क्यों न आपका निर्वाचन शून्य घोषित कर दें
खंडवा। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत बाल आवेदकों को सहायता राशि देने के लिए 36 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सामाजिक कार्यकर्ता और डाटा ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है। पिता की मृत्यु होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग में आवेदक अमन राठौर और उसकी बहन ने सहायता राशि के लिए आवेदन दिया था।
आवेदक को सात माह के हिसाब से 56 हजार रुपये कार्यालय द्वारा बैंक खाते में अंतरित किए गए। इसमें से 36 हजार रुपये की मांग कार्यालय में सामाजिक कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ मनोज दिवाकर और कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप द्वारा की गई। इस कार्य और भविष्य में भी ये राशि मिलती रहने के एवज में रिश्वत की मांग बाल आवेदकों से की गई थी। रिश्वत नहीं देने पर योजना का लाभ आगे नहीं दिए जाने का कहकर धमकाया गया।
महिला एवं बाल विकास कार्यालय से प्रत्येक माह चार हजार रुपये की राशि दोनों बच्चों की शिक्षा हेतु अलग-अलग स्वीकृत की गई थी। इस योजना के तहत कोरोना महामारी में अथवा अन्य कारण से मां-पिता को खो चुके 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सरकार की ओर से हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है।
इसकी शिकायत आवेदक द्वारा अपने मौसा की मदद से पुलिस अधीक्षक,लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में की गई। इसका सत्यापन कराया गया। इसमें बातचीत के दौरान आरोपितों द्वारा 36 हजार रुपये लेना तय किया।
रिश्वत लेते हुए किया ट्रैप
आवेदन पत्र के सत्यापन और आरोपियों से हुई बातचीत के आधार पर आरोपी मनोज दिवाकर और संजय जगताप के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। रणनीति के तहत लोकायुक्त डीएसपी रोड मिश्रा के नेतृत्व में टीम ने शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे महिला एवं बाल विकास कार्यालय परिसर स्थित जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय एवं न्यायपित बाल कल्याण समिति खंडवा में दबिश देकर आरोपी मनोज दिवाकर को 36 हजार रुपये की राशि लेने पर ट्रैप किया है।