शारदीय नवरात्र या महानवरात्र आश्विन माह में आती है। यह आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है और आश्विन माह की नवमी को समाप्त होती है। इस साल शारदीय नवरात्र 09 अप्रेल, 2024 को शुरू होगी । नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दौरान घटस्थापना होती है। इसी के साथ ही मां दुर्गा की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।
कलश स्थापना सदैव अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि पर करना शुभ माना जाता है। इस बार 15 अक्टूबर को सुबह 11.38 बजे अभिजीत मुहूर्त शुरू होगा। यह मुहूर्त 12:23 बजे तक रहेगा। 12 बजकर 24 मिनट पर वैधृति योग प्रारम्भ होगा। इस तरह शारदीय नवरात्र पर कलश स्थापना के लिए सिर्फ 45 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है।
नवरात्र के पहले दिन सबसे पहले पूजा और घटस्थापना करें। इसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें। देवी मां को अक्षत, सफेद फूल, धूप, दीप, फल और मिठाई अर्पित करें। पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण करें और फिर माता शैलपुत्री की पूजा करें। पूजा के बाद पूरी श्रद्धा के साथ घी के दीपक से मां शैलपुत्री की आरती करें। पूजा समाप्त होने के बाद मां शैलपुत्री से प्रार्थना करें। देवी मां को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।