केंद्रों से कई ग्रामो की दूरी 50 किलोमीटर तक
रायसेन। चना मसूर की उपज को समर्थन मूल्य खरीदी के लिए इस बार जिला प्रशासन ने खरीदी केंद्र किसानों की सुविधा अनुसार स्थापित नही किए है। ग़ैरतगंज मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्र को छोड़कर मुख्यालय से किलोमीटर 25 किलोमीटर दूर खरीदी केंद्र बनाए गए है जिसके चलते किसानों के लिए परिवहन की समस्या पैदा हो गई है।
प्रशासन द्वारा रबी फसल में गेंहू, मसूर, चना उपज की खरीदी का कार्य कराने समर्थन मूल्य केंद्रों पर शुरू करवाने किसानों से स्लाइड बुक करवाये जा रहे है। जिला प्रशासन में इस बार ग़ैरतगंज क्षेत्र में खरीदी केंद्र बनाने में थोड़ी कंजूसी दिखाई है। तथा ग़ैरतगंज मुख्यालय सहित आसपास कोई भी खरीदी केंद्र चना एवं मसूर की उपज तौल के लिए नही बनाया गया। जबकि गेंहू खरीदी के लिए प्रशासन ने सभी जगह के किसानों को परिवहन की दूरी का ध्यान रखकर केंद्र बनाए गए। इस बार मसूर एवं चना खरीदी के लिए ग़ैरतगंज मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवनगर, मुड़ियाखेड़ा एवं किशनपुर के वेयरहाउस में केंद्र बनाए गए। ग़ैरतगंज के आसपास एक भी खरीदी केंद्र नही है। जबकि इन केंद्रों से तहसील क्षेत्र के सेकड़ो ग्राम के किसान 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर भी स्थित है जिनमे सिलवानी मार्ग पर सोडरपुर, देवरीगंज, जिन्नोंर, करमोदी, भंवरगढ़ सहित बेगमगंज सड़क पर आने वाले हरदोट, पाटन, सिंहपुर, पापड़ा, करहोला, रजपुरा, देवरीगंज, बम्होरी गोदर सहित दर्जनों ग्रामो की दूरी इन केंद्रों से कई किलोमीटर की है। इनमें सबसे अधिक प्रभाव छोटे एवं मंझोले किसानों को है जिनके पास कम उपज है तथा उन्हें केंद्रों तक ले जाने में परिवहन में ही बड़ी राशि खर्च होगी। ऐसे में कई किसान बाजारों में ओने पौने दामों पर अपनी उपज बेंचने को मजबूर होंगे। क्षेत्रीय किसान संगठन ने इसके प्रति नाराज़गी व्यक्त की है तथा जिला प्रशासन से ग़ैरतगंज के आसपास कम दूरी पर केंद्र की जल्द स्थापना की मांग की है।
. अभी तक शुरू नही हुई केंद्रों पर खरीदी
शासन द्वारा इस वर्ष रबी फसल की उपज की तुलाई का कार्य 25 मार्च से 31 मई तक समर्थन मूल्य केंद्रों पर किया जाना है। परन्तु 25 मार्च से जिला प्रशासन खरीदी का कार्य प्रारंभ नही करा पाया। यहां तक कि खरीदी केंद्र स्थापित करने में भी प्रशासन फ़िसड्डी साबित हुआ है। पता चला है कि ग़ैरतगंज मुख्यालय के आसपास शुक्रवार को खरीदी केंद्रों की संख्या बड़ा दी गई है तथा खरीदी का काम करने वाली ग़ैरतगंज सहकारी समिति एवं बम्होरी समिति को दो दो केंद्रों की जिम्मेदारी अचानक सौंप दी। जिला प्रशासन द्वारा बनाई जा रही असमंजस की स्थिति के बीच भी किसानों एवं खरीदी करने वाली समितियों में ऐसी स्थिति निर्मित हो गई है। तथा ख़रीदी का काम प्रभावित हो गया। मज़े की बात तो यह भी है कि उपज विक्रय के लिए किसानों ने स्लाइड बुक करा दी है परन्तु केंद्रों पर खरीदी नही होने से किसान अपनी उपज लेकर केंद्रों पर नही जा पा रहा है तथा वह परेशान है। किसानों का आरोप है कि खरीदी देर से होने एवं उपज की राशि आने में उन्हें काफी समय लगेगा। जिससे उन्हें आर्थिक रूप से परेशान होना पड़ेगा।
इस संबंध में एसडीएम पल्लवी वेध का कहना है कि किसानों की मांग पर चना मसूर खरीदी के लिए मुख्यालय के आसपास केंद्र खोलने का प्रतिवेदन जिला प्रशासन को भेजा जाएगा। वही गेंहू खरीदी का कार्य कुछ केंद्रों पर शुरू हो गया है। इसमें भी निरंतरता लाई जावेगी।